Daily Current Affairs and GK
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी यानि बुधवार को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए यूनियन बजट 2023 (Union Budget 2023) संसद में पेश किया. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) सरकार के दूसरे कार्यकाल का पांचवां बजट था. पिछले 2 साल के आम बजट की तरह ही ये बजट भी पेपरलेस था. इस बजट में देश के आर्थिक विकास और इकोनॉमी से जुड़े विभिन्न फैसले लिए गए. साथ ही साथ मध्यम वर्ग जिस चीज का इंतजार कर रहा था उस पर भी ध्यान दिया गया है. दरअसल, सरकार ने टैक्स स्लैब में बदलाव किया है. वित्त मंत्री के पिटारे से कृषि, शिक्षा, इनकम टैक्स स्लैब, हेल्थ और नौकरीपेशा लोगों के लिए ऐलान किए गए. निर्मला सीतारमण ने संसद में करीब एक घंटा, 26 मिनट तक भाषण दिया.
आयकर स्लैब की संख्या छह से घटाकर पांच की गई. तीन से छह लाख रुपये पर 5 प्रतिशत और छह से नौ लाख रुपये पर 10 प्रतिशत, नौ लाख रुपये से 12 लाख रुपये पर 15 प्रतिशत, 12 लाख रुपये से 15 लाख रुपये 20 प्रतिशत, 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत कर देना होगा.
विश्व महासागर दिवस पर, नैशनल ज्यॉग्रैफिक (National Geographic) ने आधिकारिक तौर पर अंटार्कटिक के आसपास के पानी की बॉडी को दक्षिणी महासागर के रूप में मान्यता देने की घोषणा की, जिससे यह आर्कटिक, अटलांटिक, भारतीय और प्रशांत के साथ पांचवां महासागर बन गया. नैशनल ज्यॉग्रैफिक सोसाइटी (National Geographic Society) ने दुनिया के महासागरों की मैपिंग की है. संगठन ने घोषणा की कि वह दक्षिण महासागर (Southern Ocean), अंटार्कटिका को घेरने वाले पानी के एक निकाय को दुनिया के पांचवें ओशन के रूप में मान्यता देगा. जब से नैशनल ज्यॉग्रैफिक ने 1915 में मानचित्र बनाना शुरू किया, इसने चार महासागरों को मान्यता दी: अटलांटिक, प्रशांत, भारतीय और आर्कटिक महासागर. विश्व महासागर दिवस 8 जून, 2021 को इसने दक्षिणी महासागर को दु
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने पीसीएस-2018 में चयनित अभ्यर्थियों का पदवार एवं श्रेणीवार कटऑफ मंगलवार को जारी कर दिया। 988 पदों के लिए 11 सितंबर 2020 को अंतिम परिणाम घोषित हुआ था। 1600 अंकों की परीक्षा में 1014 नंबर पाने वाले अभ्यर्थी ने टॉप किया था। पहले 1700 अंकों की परीक्षा होती थी लेकिन पीसीएस-2018 से साक्षात्कार 200 की बजाय 100 नंबर का होने के कारण पूर्णांक 1600 रह गया है।
प्रारंभिक परीक्षा 28 अक्टूबर 2018 को हुई थी। प्री का परिणाम 30 मार्च 2019 को आया, जिसमें मुख्य परीक्षा के लिए 19,096 अभ्यर्थी सफल घोषित हुए थे। उसके बाद हाईकोर्ट के आदेश पर 160 महिला अभ्यर्थियों को 5 अक्टूबर 2019 को मुख्य परीक्षा के लिए सफल घोषित किया गया। 18 से 22 अक्टूबर 2019 तक मुख्य परीक्षा हुई जिसका परिणाम 23 जून 2020 को जारी हुआ। 15 जुलाई से 25 अगस्त 2020 तक इंटरव्यू हुआ था।
कुल 988 पदों के लिए 2669 अभ्यर्थी साक्षात्कार में शामिल हुए थे। परीक्षा नियंत्रक अरविंद मिश्र की ओर से जारी सूचना के मुताबिक कटऑफ अंक 25 जनवरी तक वेबसाइट पर उपलब्ध रहेगा। अभ्यर्थी पीसीएस परीक्षा से जुड़ी किसी भी सूचना के लिए आयोग की वेबसाइट&n
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक कंपोजिट डिजिटल पेमेंट इंडेक्स (DPI) का निर्माण किया है। इस इंडेक्स से यह पता चलेगा कि देशभर में पेमेंट्स का किस स्तर तक डिजिटाइजेशन हुआ है। इस इंडेक्स में 5 मुख्य पैरामीटर्स होंगे।
ये 5 पैरामीटर्स अलग-अलग समयावधि में देश में डिजिटल पेमेंट्स के पेनीट्रेशन का आकलन करने में मदद करेंगे। RBI के बयान के मुताबिक ये पैरामीटर्स हैं- पेमेंट इनेबलर्स, पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर-डिमांड साइड फैक्टर्स, पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर-सप्लाई साइड फैक्टर्स, पेमेंट परफॉर्मेंस और कंज्यूमर सेंट्रिसिटी। इनमें से हर एक पैरामीटर के अंदर कुछ सब-पैरामीटर्स होंगे और हर एक सब-पैरामीटर के अंदर कई मापने लायक इंडिकेटर्स होंगे।
इन 5 पैरामीटर्स से तय होगा इंडेक्स का परफॉर्मेंस
- पेमेंट इनेबलर्स (वेटेज 25%)
- पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर-डिमांड साइड फैक्टर्स (वेटेज 10%)
- पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर-सप्लाई साइड फैक्टर्स (वेटेज 15%)
- पेमेंट परफॉर्मेंस (वेटेज 45%)
- कंज्यूमर सेंट्रिसिटी (वेटेज 5%)
28 जनवरी 2020 को मेडागास्कर में चक्रवात आने की वजह से नौसेना ने ऑपरेशन 'वनीला' की शुरूआत की हैं जिसमें चक्रवात से प्रभावित लोगों की मदद की जाएगी और इसके लिए भारतीय नौसेना के ऐरावत को काम में लिया जा रहा हैं। वनीला ऑपरेशन को चक्रवात डायने द्वारा मचाई गई तबाही के बाद मेडागास्कर के प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान करने हेतु शुरू किया गया है।
भारतीय नौसेना के अनुसार "INS ऐरावत, को इस मिशन के लिए तैनात किया गया हैं, तथा जिसे उसी तरफ डायवर्ट कर दिया गया है"। भारतीय नौसेना जहाज चिकित्सा शिविर स्थापित करने और भोजन, पानी और अन्य आवश्यक राहत सामग्री प्रदान करने के लिए तैयार है।
मेडागास्कर को सहायता भारतीय नौसेना की विदेश सहयोग की पहल के तहत प्रदान की जा रही हैं, जो प्रधानमंत्री की 'Security and Growth for all in the Region (SAGAR)' 'सुरक्षा और क्षेत्र में सभी के लिए विकास' (SAGAR) के दृष्टिकोण के अनुरूप है। भारतीय नौसेना हिंद महासागर में मानवीय और आपदा राहत (HADR) के लिए सहायता देने वाला पहला संगठन है।
G-7 या द ग्रुप ऑफ़ सेवन (G7) एक अंतरराष्ट्रीय अंतर सरकारी आर्थिक संगठन है जिसमें दुनिया की सात सबसे बड़ी IMF द्वारा बतायी गयीं विकसित अर्थव्यवस्थाएँ शामिल हैं. G-7 की स्थापना सन 1975 में 6 विकसित देशों (फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका) ने की थी.अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प इसका विस्तार करके G-10 या G-11 बनाना चाहते हैं जिसमें भारत भी शामिल होगा.
G–7 की 45 वीं बैठक फ़्रांस के बिआरिट्ज शहर में 24 से 26 अगस्त के बीच हुई जिसमें भारत की ओर से प्रधानमन्त्री मोदी ने भाग लिया था.
G–7 के सदस्य देश (Members of G-7)
विश्व के 7 सबसे विकसित राष्ट्र (फ्रांस, जर्मनी, इटली, यूनाइटेड किंग्डम, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा) विश्व की समस्याओं पर सभी का ध्यान दिलाने के लिए हर साल किसी देश में विचार विमर्श के लिए इकट्ठे होते हैं.
G–7, विश्व के सर्वोच्च सम्पन्न औद्योगिक देशों– फ्रांस, जर्मनी, इटली, यूनाइटेड किंग्डम, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा का एक संघ है।
जिस तरह से हर व्यक्ति को पोषक तत्वों की जरूरत होती है, उसी तरह से पौधों को भी अपनी वृद्धि, प्रजनन, तथा विभिन्न जैविक क्रियाओं के लिए कुछ पोषक तत्वों की जरूरत होती है। इन पोषक तत्वों के न मिल पाने से पौधों की वृद्धि रूक जाती है यदि ये पोषक तत्व एक निश्चित समय तक न मिलें तो पौधा सूख जाता है। वैज्ञानिक परीक्षणो के आधार पर 17 तत्वों को पौधो के लिए जरूरी बताया गया है, जिनके बिना पौधे की वृद्धि-विकास तथा प्रजनन आदि क्रियाएं सम्भव नहीं हैं। इनमें से मुख्य तत्व कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश है। नाइट्रोजन, फास्फोरस तथा पोटाश को पौधे अधिक मात्रा में लेते हैं, इन्हें खाद-उर्वरक के रूप में देना जरूरी है। इसके अलावा कैल्सियम, मैग्नीशियम और सल्फर की आवश्यकता कम होती है अतः इन्हें गौण पोषक तत्व के रूप मे जाना जाता है इसके अलावा लोहा, तांबा, जस्ता, मैंग्नीज, बोरान, मालिब्डेनम, क्लोरीन व निकिल की पौधो को कम मात्रा में जरूरत होती है।
1- नत्रजन के प्रमुख कार्य
- नाइट्रोजन से प्रोटीन बनती है जो जीव द्रव्य का अभिन्न अंग है तथा पर्ण हरित के निर्माण में भी
देश की शिक्षा नीति में 34 साल बाद नये बदलाव किए गए हैं. 29.07.2020 को इस नई शिक्षानीति को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी. नई शिक्षा नीति (New Education Policy) के तहत बोर्ड परीक्षा (Board Exams) को सरल बनाने, पाठ्यक्रम का बोझ कम करने के साथ ही बचपन की देखभाल और शिक्षा पर जोर देते हुए स्कूल पाठ्यक्रम के 10+2 ढांचे में बदलाव किया गया है.
नई शिक्षा नीति में स्कूल के बस्ते, प्री प्राइमरी क्लासेस से लेकर बोर्ड परीक्षाओं, रिपोर्ट कार्ड, यूजी एडमिशन के तरीके, एमफिल तक बहुत कुछ बदला है. यहां जानें आखिर न्यू एजुकेशन पॉलिसी में इतने सालों बाद क्या बदला है.
इस नीति की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा के साथ कृषि शिक्षा, कानूनी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा और तकनीकी शिक्षा जैसी व्यावसायिक शिक्षाओं को इसके दायरे में लाया गया है. इसका मुख्य उद्देश्य है कि छात्रों को पढ़ाई के साथ साथ किसी लाइफ स्किल से सीधा जोड़ना.
अभी तक आप आर्ट, म्यूजिक, क्राफ्ट, स्पोर्ट्स, योग आदि को सहायक पाठ्यक्रम (co cu
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि एमएसएमई यानी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग की परिभाषा बदल दी गई है. इसमें निवेश की लिमिट में बदलाव किया गया है. 1 करोड़ निवेश या 10 करोड़ टर्नओवर पर सूक्ष्म उद्योग का दर्जा दिया जाएगा.
इसी तरह 10 करोड़ निवेश या 50 करोड़ टर्नओवर पर लघु उद्योग का दर्जा दिया जाएगा. वहीं 20 करोड़ निवेश या 100 करोड़ टर्नओवर पर मध्यम उद्योग का दर्जा होगा.निर्मला सीतारमण ने बताया कि मौजूदा दौर में ट्रेड फेयर संभव नहीं है.
200 करोड़ तक का टेंडर ग्लोबल नहीं होगा. यह एमएसएमई के लिए बड़ा कदम है. इसके अलावा एमएसएमई को ई-मार्केट से जोड़ा जाएगा. सरकार एमएसएमई के बाकी पेंमेंट 45 दिनों के अंदर करेगी.
वित्त मंत्री के मुताबिक 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज में से 3 लाख करोड़ एमएसएमई यानी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग को जाएंगे. इनको बिना गारंटी लोन मिलेगा. इसकी समयसीमा 4 साल की होगी. इन्हें 12 महीने की छूट मिलेगी. ये ऑफर 31 अक्टूबर 2020 तक के लिए है.
केंद्र सरकार, असम सरकार और बोडो समूहों – जिसमें चरमपंथी गुट नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (NDFB) के सभी गुट शामिल हैं – ने शांति और विकास के लिए बोडोलैंड समझौते पर हस्ताक्षर किए।
फिलहाल क्या समझौता हुआ है?
बोडोलैंड को अब तक आधिकारिक तौर पर बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल (बीटीसी) कहा जाता है। नए समझौते के लागू होने के बाद इसका नाम बोडोलैंड टेरिटोरियल रीजन (बीटीआर) हो जाएगा। बीटीआर को अधिक अधिकार दिए जाएंगे। बीटीसी की मौजूजा 40 सीटों को बढ़ाकर 60 कर दिया जाएगा और इलाके में कई नए जिलों का गठन होगा। गृह विभाग को छोड़ अन्य विधायी, प्रशासनिक और वित्तीय अधिकार बीटीआर के पास रहेंगे।
समझौते में कहा गया है, “असम राज्य की क्षेत्रीय अखंडता को अक्षुण्ण रखते हुए उनकी मांगों के लिए एक व्यापक और अंतिम समाधान के लिए बोडो संगठनों के साथ बातचीत की गई।”
बीटीसी क्या थी ?यह संविधान की छठी अनुसूची के तहत एक स्वायत्त निकाय थी। पहले दो बोडो समझौते हुए हैं। दूसरे समझौते के बाद बीटीसी का गठन हुआ। 1987 से ABSU के नेतृत्व वाला जो आंदोलन शुरू हुआ था, वह 1
मिशन इंद्रधनुष अभियान को भारत सरकार के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी बच्चों को टीकाकरण के अंतर्गत लाने के लिये "'मिशन इंद्रधनुष'" को सुशासन दिवस के अवसर पर 25 दिसंबर 2014 प्रारंभ किया गया था ' इंद्रधनुष के सात रंगों को प्रदर्शित करने वाला मिशन इंद्रधनुष का उद्देश्य उन बच्चों का 2020 तक टीकाकरण करना है जिन्हें टीके नहीं लगे हैं या डिफ्थेरिया, बलगम, टिटनस ,पोलियो, तपेदिक, खसरा तथा हेपिटाइटिस-बी को रोकने जैसे सात टीके आंशिक रूप से लगे हैं।
पहले चरण में देश में 221 जिलों की पहचान की है, जिसमें 50 प्रतिशत बच्चों को टीके नहीं लगे हैं या उन्हें आंशिक रूप से टीके लगाए गए हैं। इन जिलों को नियमित रूप से टीकाकरण की स्थिति सुधारने के लिए लक्ष्य बनाया जाएगा। मंत्रालय का कहना है कि 201 जिलों में से 82 जिले केवल चार राज्य-उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश तथा राजस्थान से हैं और चार राज्यों के 42 जिलों में 25 प्रतिशत बच्चों को टीके नहीं लगाए गए हैं या उन्हें आंशिक रूप से टीके लगाए गए हैं।
धानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों के सभी घरों तक बिजली पहुंचाने के लिए 'सौभाग्य' योजना की शुरुआत की है. नरेंद्र मोदी ने जनसंघ नेता दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर इस महत्वपूर्ण योजना की घोषणा की है. सौभाग्य का मतलब 'सहज बिजली हर घर योजना' है. इसके तहत साल 2019 तक हर गांव, हर शहर के हर घर तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. मोदी की मंशा है कि 31 मार्च 2019 तक इसे पूरा किया जाय.
इस योजना के तहत साल 2011 के सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना में दर्ज गरीबों को बिजली का कनेक्शन फ्री दिया जाएगा. जिन लोगों का नाम इस जनगणना में नहीं है वह भी 500 रुपये का भुगतान कर बिजली का कनेक्शन हासिल कर सकेंगे. इस राशि को 10 बराबर किस्तों में बिजली के बिलों के रूप में वसूला जाएगा.
सौभाग्य योजना के तहत सुदूर व दुर्गम क्षेत्रों में बिजली से वंचित लोगों को मोदी सरकार बैटरी बैंक उपलब्ध कराएगी. इसके तहत 200 से 300 डब्ल्यूपी का सोलर पावर पैक दिया जायेगा, जिसमें पांच एलईडी लाइट, एक पंखा, एक पावर प्लग काम कर पायेगा. इस पैक के लिए 5 साल की मेंटे
हर साल प्राकृतिक आपदा के चलते भारत में किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है. बाढ़, आंधी, ओले और तेज बारिश से उनकी फसल खराब हो जाती है. उन्हें ऐसे संकट से राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) शुरू की है. इसे 13 जनवरी 2016 को शुरू किया गया था.
इसके तहत किसानों को खरीफ की फसल के लिये 2 फीसदी प्रीमियम और रबी की फसल के लिये 1.5% प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है.
PMFBY में प्राकृतिक आपदाओं के कारण खराब हुई फसल के मामले में बीमा प्रीमियम को बहुत कम रखा गया है. इससे PMFBY तक हर किसान की पहुंच बनाने में मदद मिली है.
PMFBY योजना वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए भी बीमा सुरक्षा प्रदान करती है. इसमें हालांकि किसानों को 5% प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है.
भारतीय कृषि बीमा कंपनी (एआईसी या AIC) इस योजना को चलाती है.
योजना के उद्देश्य
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प्राकृतिक आपदा, कीड़े और रोग की वजह से सरकार द्वारा अधिसूचित फसल में से किसी नुकसान की स्थिति में किसानों क
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार, (1 फरवरी 2020) को प्रधानमंत्री कृषि ऊर्जा सुरक्षा उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम) के विस्तार की घोषणा की। इस योजना के तहत 20 लाख किसानों को सोलर पंप लगाने में मदद की जाएगी।
वित्त मंत्री ने 2020-21 का बजट पेश करते हुए कहा कि 15 लाख किसानों को ग्रिड से जुड़े सोलर पंप लगाने के लिए धन मुहैया कराया जाएगा। किसान इन सोलर पंपों से बनने वाली अतिरिक्त बिजली की आपूर्ति ग्रिड को भी कर सकेंगे। मोदी सरकार ने पिछले कार्यकाल में फरवरी 2019 में पीएम कुसुम योजना की शुरुआत की थी, जिसके लिए 34,422 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था।
सीतारमण ने लोकसभा में कहा कि इस योजना से किसानों की डीजल और केरोसिन तेल पर निर्भरता घटी है और वे सौर ऊर्जा से जुड़े हैं। इस योजना से किसान सौर ऊर्जा उत्पादन करने और उसे ग्रिड को बेचने में सक्षम हुए हैं। उन्होंने कहा कि किसान अपनी बंजर जमीन पर सौर ऊर्जा पैदा कर आमदनी भी कमा सकेंगे।
पीएम कुसुम योजना के तीन घटक हैं- 10,000 मेगावाट क्षमता के ग्रिड से जुड़े विकेंद्रीकृत नवीकरणीय बिजली संयंत्र, 17.50 लाख ग्रिड से
लगभग 25 साल पुराने ब्रू-शरणार्थियों के संकट का अंत हुआ है. समझौते के तहत अब उनके लिए गरिमापूर्ण जीवन जीने का रास्ते खुल गए हैं. 2020 का नया दशक ब्रू-शरणार्थियों समुदाय के जीवन में एक नई आशा और उम्मीद की किरण लेकर आया है.
करीब 34,000 ब्रू-शरणार्थियों को त्रिपुरा में बसाया जाएगा.
71वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया. उन्होंने कहा 'आज गणतंत्र-दिवस के पावन अवसर पर मुझे 'गगनयान' के बारे में बताते हुए खुशी हो रही है. 2022 में हमारी आजादी के 75 साल पूरे होने वाले हैं और उस मौके पर हमें 'गगनयान मिशन' के साथ एक भारतवासी को अंतरिक्ष में ले जाने के अपने संकल्प को सिद्ध करना है.'
पीएम ने आगे कहा कि 'गगनयान मिशन' 21वीं सदी में साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत की एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगा. नए भारत के लिए ये एक 'मील का पत्थर' साबित होगा. पीएम ने कहा कि इस मिशन में Astronaut यानी अंतरिक्ष यात्री के लिए 4 उम्मीदवारों का चयन कर लिया गया है. ये चारों भारतीय वायुसेना के पायलट हैं.
भारतीय अंतरिक्ष यान कार्यक्रम गगनयान के अंतर्गत भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो ) अंतरिक्ष की स्थिति को बेहतर तरीके से समझने के लिए ह्यूमैनोयड मॉडल (मानव की तरह दिखने वाला ) भेजने की योजना बना रहा है. इस ह्यूमनॉयड को इसरो ने ‘व्योम मित्र’ नाम दिया है. बताया जा रहा है कि इसे 2022 में गगनयान मिशन से पह
पूर्व जनरल बिपिन रावत को भारत का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बनाया गया है. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ; प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री के लिए महत्वपूर्ण रक्षा और रणनीतिक मुद्दों पर भारत सरकार के सलाहकार के रूप में कार्य करेगा. CDS; परमाणु मुद्दों पर प्रधानमंत्री के सैन्य सलाहकार के रूप में भी काम करेगा. सीडीएस का पद 'फोर स्टार' जनरल के समकक्ष होगा और सभी सेनाओं के प्रमुखों में सबसे ऊपर होगा जबकि रिटायरमेंट की उम्र 65 वर्ष होगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान लालकिले की प्राचीर से जब थलसेना, नौसेना और वायुसेना के बीच तालमेल सुनिश्चित करने और उन्हें प्रभावी नेतृत्व देने के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के पद का एलान किया था, तभी से सबकी निगाहें इस बात पर थीं कि इस पद पर पहला मौका किसे मिलेगा।
भारत में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के पीछे का इतिहास (History behind the CDS post)
भारत में यह पहली बार नहीं है कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) का पद सृजित हो रहा है. वर्ष 1999 के कारगिल युद्ध के बाद भी
कारपोरेट कार्य मंत्रालय ने ई-प्रशासन पहल के अधीन कई कदम उठाए हैं। इसका एक मात्र उद्देश्य हित धारकों की डाटाबेस तक पहुंच को सुविधा जनक बनाना है, जो उनके लिए अपना कारोबार और बढ़ाने के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होगा। यह डाटाबेस खास कर हित धारकों द्वारा कारपोरेट जगत को स्वीकृत और जारी अग्रिम राशि के प्रति शुल्क के सृजन से संबंधित है।
एमसीए और एमसीए-21 पोर्टल का पुनर्निर्माण
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पुनर्निर्मित पोर्टल एमसीए-21 पहली बार खोलने वाले उपयोगकर्ता के लिए अधिक हितैषी और व्याख्यात्मक है।
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पोर्टल एमसीए-21 का अत्यधिक प्रयोग में आने वाली कार्यात्मकताओं से सम्बन्धित अनुभागों को परिभाषित किया है और उपयोगकर्ता की सहायता के लिए विस्तृत उपाय-वार प्रक्रिया परिभाषित की गई है।
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एमसीए-21 पोर्टल की कार्यात्मकताओं से
स्वीडन की रहने वाली 16 वर्षीय ग्रेटा टुनबर्ग के ‘फ्राइडे फॉर फ्यूचर’ अभियान के पक्ष में लाखों लोग आ चुके हैं। वह तब चर्चा में आई थीं जब अगस्त, 2018 में हर शुक्रवार स्वीडन की संसद के बाहर धरना देना शुरू कर दिया था। वह हाथों में एक तख्ती लेकर वहां रहती थीं, जिस पर लिखा होता था जलवायु की खातिर स्कूल की हड़ताल।
ग्रेटा टुनबर्ग पूरी दुनिया के लिए पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन की आइकॉन बन गई हैं. 16 साल की टुनबर्ग के नेतृत्व में 150 से अधिक देशों में हजारों लाखों बच्चों ने सड़क पर उतरकर जलवायु परिवर्तन की नजरअंदाजी के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. स्वीडन की टुनबर्ग ने साल भर पहले जलवायु परिवर्तन की लड़ाई अकेले शुरू की थी. ‘फ्राइडे फॉर फ्यूचर’ नाम से शुरू मुहीम में उनके साथ लाखों पर्यावरण प्रेमी जुड़ चुके हैं.
जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा टुनबर्ग ने मंगलवार (29/10/2019) को एक पर्यावरण पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि जलवायु अभियान में आवश्यकता इस बात की है कि सत्ता में बैठे लोग पुरस्कार देने के बजाए वि
यूरोपीय संघ (EU) प्रतिनिधिमंडल के कश्मीर दौरे को लेकर यूरोप के एक गैर सरकारी संगठन (NGO) का नाम सुर्खियों में है. कथित तौर पर वूमेन’स इकोनॉमिक एंड सोशल थिंक टैंक (WESTT) नाम के NGO ने इस अनौपचारिक दौरे के लिए इंतजाम किए. WESTT छह साल पुराना एनजीओ है जिसे 19 सितंबर 2013 को रजिस्टर्ड किया गया. ‘थिंक टैंक एंड रिसर्च इंस्टीट्यूशन्स’ की EU रजिस्ट्रेशन कैटेगरी की धारा 4 के तहत ये रजिस्ट्रेशन हुआ. सोशल मीडिया की अटकलों के विपरीत WESTT को किसी सरकारी संस्था (भारतीय या यूरोपीय) से फंडिंग के तौर पर मोटी रकम नहीं मिली. EU रिकॉर्ड्स के मुताबिक एनजीओ को बीते वित्त वर्ष में कुल 24,000 पौंड (करीब 18,83,376 रुपये) का कुल फंड मिला. WESTT को ये फंड सालाना डोनेशन के तौर पर मिला. EU रिकॉर्ड्स से ये भी संकेत मिला कि एनजीओ को पूरे साल में एक ही डोनर मिला.
WESTT एनजीओ दरअसल यूनाइटेड किंगडम स्थित माडी ग्रुप की कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी से जुड़ी गतिविधि है.
माडी ग्रुप के जरिए WESTT को यूनाइटेड किंगड
यह जगह सीरिया में हैं। इसका नाम है बारिशा। यह एक गांव है जो तुर्की की सीमा से कोई दस किमी की दूरी पर था। वहीं सीरिया की राजधानी अलेप्पो से इसकी दूरी करीब 90 किमी थी। अलेप्पो से यदि सड़क से यह दूरी तय की जाए तो करीब दो घंटे का समय लगता है। वहीं सीरिया के ही इदलिब से यह 32 किमी की दूरी पर स्थित है। बगदादी की मौत के बाद यह पूरा इलाका सुर्खियों में आ गया है।
बारिशा गांव (Barisha or Baricha Village) हरेम जिले में आता है जिस पर सीरिया के इदलिब प्रांत (Idlib Government) की हुकूमत चलती है। बारिशा अ'ला' पहाडि़यों (A'La' Mountain) के बीच बसा एक छोटा सा गांव है। आपको जानकर हैरत होगी कि यहां फैली खामोशी की बदौलत इस इलाके को मृत शहर या डेड सिटी (Dead Cities) भी कहा जाता है। सीरिया के सेंट्रल ब्यूरो ऑफ स्टेटिस्टक्स (Syria Central Bureau of Statistics) के आंकड़ों के मुताबिक 2004 में इसकी आबादी महज 1143 थी। आपको बता दें कि यह गांव सीरिया के उस प्राचीन इतिहास का हिस्सा है जिसका संबंध बीजांटिन पीरियड (Byzantine period) से है। यह रोमन साम्राज्य की याद दिलाता है
आयुष्मान भारत योजना (ABY) की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर 2018 में की थी। इसे पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जयंती पर 25 सितंबर से देशभर में लागू कर दिया गया है. आयुष्मान भारत योजना (ABY) को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) भी कहा जाता है. यह वास्तव में देश के गरीब लोगों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम है. PMJAY के तहत देश के 10 करोड़ परिवारों को सालाना 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा मिल रहा है. सरकार ABY के माध्यम से गरीब, उपेक्षित परिवार और शहरी गरीब लोगों के परिवारों को स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराना चाहती है. आयुष्मान भारत योजना (ABY) में शामिल होने के लिए परिवार के आकार और उम्र का कोई बंधन नहीं है.
आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य बीमा का लाभ लेने वालों की संख्या 20 लाख के पार निकल गयी है। कुल मिलाकर अब तक 3.07 करोड़ लाभार्थियों को योजना के तहत ई-कार्ड जारी किये गये हैं। योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर 2018 में की थी। इसमें 10.74 करोड़ से अधिक गरी
आज 27 मार्च को भारत ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल किया है. हमारे वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में 300 किलोमीटर दूर Low Earth Orbit (LEO) में एक लाइव सैटेलाइट को मार गिराया है. यह सैटेलाइट जो कि एक पूर्व निर्धारित लक्ष्य था, एसेट मिसाइल द्वारा मार गिराया गया. 'मिशन शक्ति' को तीन मिनट में सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया. यह अत्यंत कठिन ऑपरेशन था. इसमें उच्च गुणवत्ता वाली तकनीक की जरूरत थी. सभी निर्धारित उद्देश्य प्राप्त कर लिए गए. यह भारत में एंटी सैटेलाइट (ए-सेट) मिसाइल द्वारा सिद्ध किया गया.
भारत ने अंतरिक्ष में एक और कामयाबी का परचम लहराया है और मिशन शक्ति (Mission Shakti) की सफलता के साथ अमेरिका, चीन, रूस के बाद भारत दुनिया का चौथा सबसे शक्तिशाली देश बन गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने देश के नाम संबोधन में इस बात की जानकारी दी. पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान कहा कि भारत अंतरिक्ष पावर के रूप में दुनिया का चौथा सबसे शक्तिशाली देश बन गया है.
अंतर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के उन तमाम वर्गो को सामाजिक सुरक्षा से लैस कर दिया जो अब तक इन सुविधाओं से वंचित थे। पीएम ने अपनी गुजरात यात्रा के दूसरे दिन असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे कामगारों के लिए इस बड़ी योजना की शरूआत की। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये योजना देश के श्रमजीवियों,कर्मजीवियों को समर्पित है और मां भारती के भाल पर ये एक तिलक के समान है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ग़रीबी कैसी होती है और एक मज़दूर का जीवन कितना संघर्षपूर्ण होता है इसे उन्होने नज़दीक से देखा है। वजह यही है आज़ादी के बाद जो काम ग़रीबों,मज़दूरों और कामगारों के हित के लिए नहीं हुआ उसे सिर्फ 55 महीने वाली सरकार ने मुमकिन करके दिखाया है। असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों और मजदूरों के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना की घोषणा इस साल फरवरी में अंतरिम बजट में की गई थी। श्रम योगी मानधन योजना से वे सभी लोग जुड़ सकते हैं जिनकी आय 15 हज़ार प्रति माह है या इससे कम है।
इस योजना में स्वैच्छिक रू
पुलवामा आतंकी हमले और फिर भारतीय वायुसेना की ओर से 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में की गई एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने भारतीय हवाई क्षेत्र के उल्लंघन की कोशिश की, जिसे भारत ने सतर्कता से विफल कर दिया। हालांकि इस दौरान एक मिग-21 बायसन हादसे का शिकार हो गया और पायलट को पाकिस्तान ने अपनी हिरासत में ले लिया।
विंग कमांडर को पाकिस्तान द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद जेनेवा संधि की चर्चा हो रही है। इस चर्चा को इन आरोपों के बीच बल मिला कि पाकिस्तान में भारतीय विंग कमांडर के बीच बदसलूकी की गई और 'युद्ध बंदी' के साथ इस तरह का सलूक जेनेवा संधि का उल्लंघन है।
क्या है जेनेवा कन्वेंशन?
जेनेवा कन्वेंशन (1949) अंतरराष्ट्रीय संधियों का एक सेट है, जिसमें चार संधियां और तीन अतिरिक्त प्रोटोकॉल शामिल हैं। यह सुनिश्चित करता है कि युद्ध में शामिल सभी पक्ष नागरिकों और मेडिकल कर्मचारियों के साथ अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत मानवीय व्यवहार करेंगे। दूसरे शब्दों में कहें
भारत में सन् 1986 से प्रतिवर्ष 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (नेशनल साइंस डे) मनाया जाता है। प्रोफेसर सी.वी. रमन (चंद्रशेखर वेंकटरमन) ने सन् 1928 में कोलकाता में इस दिन एक उत्कृष्ट वैज्ञानिक खोज की थी, जो ‘रमन प्रभाव’ के रूप में प्रसिद्ध है। रमण की यह खोज 28 फरवरी 1930 को प्रकाश में आई थी। इस कारण 28 फरवरी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस कार्य के लिए उनको 1930 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इस दिवस का मूल उद्देश्य विद्यार्थियों को विज्ञान के प्रति आकर्षित करना, विज्ञान के क्षेत्र में नए प्रयोगों के लिए प्रेरित करना तथा विज्ञान एवं वैज्ञानिक उपलब्धियों के प्रति सजग बनाना है। इस दिन, विज्ञान संस्थान, प्रयोगशाला, विज्ञान अकादमी, स्कूल, कॉलेज तथा प्रशिक्षण संस्थानों में वैज्ञानिक गतिविधियों से संबंधित प्रोग्रामों का आयोजन किया जाता हैं। रसायनों की आणविक संरचना के अध्ययन में 'रमन प्रभाव' एक प्रभावी साधन है।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस देश में विज्ञान के निरंतर उन्नति का आह्वान करता है
केंद्र सरकार ने 27 फ़रवरीं 2019 को आंध्र प्रदेश के लिए एक अलग नया रेलवे जोन दक्षिण तटीय रेलवे (एससीओआर-South Coast Railway) की स्थापना की घोषणा की है । इस रेलवे जोन में गुंतकल, गुंटूर तथा विजयवाड़ा डिवीज़न शामिल होंगे। यह डिवीज़न केन्द्रीय रेलवे के अधीन आते हैं। दक्षिणी केन्द्रीय रेलवे में हैदराबाद, सिकंदराबाद तथा नांदेड़ डिवीज़न शामिल होंगे। वाल्टेयर डिवीजन को दो भागों में बाटा जाएगा। वाल्टेयर डिवीजन के एक हिस्से को नए मंडल यानि दक्षिण तटीय रेलवे में शामिल करके पड़ोसी विजयवाड़ा डिवीजन में मिला लिया जाएगा। वाल्टेयर डिवीजन के बाकी हिस्से को एक नए डिवीजन में परिवर्तित कर दिया जाएगा। इसका मुख्यालय पूर्वी तटीय रेलवे के अधीन रायगडा में होगा। दक्षिण मध्य रेलवे में हैदराबाद, सिकंद्राबाद और नान्देड़ डिवीजन शामिल होंगे।
आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2014 की अनुसूची 13 (बुनियादी ढांची) की मद संख्या 8 के अनुसार भारतीय रेलवे बोर्
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'प्रधानमंत्री जन आरोग्य' योजना (आयुष्मान भारत योजना यानी ABY) की घोषणा की है. इसे पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जयंती पर 25 सितंबर से देशभर में लागू कर दिया गया है. सरकार ABY के माध्यम से गरीब, उपेक्षित परिवार और शहरी गरीब लोगों के परिवारों को स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराना चाहती है.
सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (SECC) 2011 के हिसाब से ग्रामीण इलाके के 8.03 करोड़ परिवार और शहरी इलाके के 2.33 करोड़ परिवार आयुष्मान भारत योजना (ABY) के दायरे में आयेंगे.
आयुष्मान भारत योजना (ABY) में हर परिवार को सालाना पांच लाख रुपये का मेडिकल इंश्योरेंस मिल रहा है. साल 2008 में यूपीए सरकार द्वारा लांच राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (NHBY) को भी आयुष्मान भारत योजना (PM-JAY) में मिला दिया गया है.
ABY की योग्यता का निर्धारण कैसे होता है?
SECC के आंकड़ों के हिसाब से आयुष्मान भारत योजना (ABY) में लोगों को मेडिकल इंश्योरेंस मिल रहा है. SECC के आंकड़ों के हिसाब
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण और उनके तेजी से इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए फेम इंडिया योजना के दूसरे चरण को मंजूरी दे दी है।
कुल 10,000 करोड़ रुपये के परिव्यय वाली यह योजना 1 अप्रैल, 2019 से तीन वर्षों के लिए शुरू की जाएगी। यह योजना मौजूदा ‘फेम इंडिया वन’ का विस्तारित संस्करण है। ‘फेम इंडिया वन’योजना 1 अप्रैल, 2015 को लागू की गई थी।
वित्तीय प्रभावः
फेम इंडिया योजना का दूसरा चरण 2019-20 से 2021-22 तक तीन वर्षों के लिए लागू किया जाएगा। इसके लिए कुल 10,000 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी।
प्रभावः
इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश में इल
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने प्रधानमंत्री जी-वन (जैव ईंधन वातावरण अनुकूल फसल अवशेष निवारण) योजना के लिए वित्तीय मदद को मंजूरी दे दी है। इसके तहत ऐसी एकीकृत बायो-इथेनॉल परियोजनाओं को, जो लिग्नोसेलुलॉसिक बायोमास और अन्य नवीकरणीय फीडस्टॉक का इस्तेमाल करती हैं, के लिए वित्तीय मदद का प्रावधान है।
भारत सरकार ने इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम 2003 में लागू किया था। इसके जरिए पेट्रोल में इथेनॉल का मिश्रण कर पर्यावरण को जीवाश्म ईंधनों के इस्तेमाल से होने वाले नुकसान से बचाना, किसानों को क्षतिपूर्ति दिलाना तथा कच्चे तेल के आयात को कम कर विदेशी मुद्रा बचाना है। वर्तमान में ईबीपी 21 राज्यों और 4 संघ शासित प्रदेशों में चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत तेल विपणन कम्पनियों के लिए पेट्रोल में 10 प्रतिशत तक इथेनॉल मिलाना अनिवार्य बनाया गया है। मौजूदा नीति के तहत पेट्रोकेमिकल के अलावा मोलासिस और नॉन फीड स्टाक उत्पाद
ब्रितानी शासनकाल ने भारत को कई चीज़ें दी हैं. इनमें से एक अहम चीज़ है पूरे देश का एक ही टाइमज़ोन में होना. कई लोगों के अनुसार ये अनेकता में एकता का प्रतीक है. लेकिन ऐसा नहीं है कि सभी मानते हों कि भारतीय मानक समय यानी इंडियन स्टेंडर्ड टाइम एक अच्छी चीज़ है. पढ़िए क्यों. पूर्व से पश्चिम तक भारत 3,000 किलोमीटर यानी 1,864 मील तक चौड़ा है. देशान्तर रेखा पर देखें तो ये कम से कम 30 डिग्री तक के इलाके में फैला है. सूर्य को आधार बना कर होने वाली समय की गणना के अनुसार इसका मतलब है कि एक छोर से दूसरे छोर तक समय का फर्क कम से कम दो घंटे का है.
इस फर्क का अंदाज़ा न्यू यॉर्क और यूटा के समय को देखने पर पता चलता है. अगर ये दोनों जगहें भारत में होतीं तो दोनों जगहों पर समय एक ही होता. लेकिन, भारत में इस छोटे से फर्क का असर लाखों लोंगों पर पड़ा है.
भारत के सूदूर पश्चिमी छोर के मुकाबले देश के पूर्व में सूर्योदय तकरीबन दो घंटे पहले होता है.
पूरे देश के लिए एक मानक समय की आलोचना करने वालों का कहना है कि देश के पूर्वोत्तर में सूर्य की रोशनी का पूरा इस्तेमाल करने के लिए ये
अमरीका ने शीत युद्ध के दौर के प्रमुख परमाणु हथियार समझौते इंटरमीडिएट रेंज न्यूक्लियर फ़ोर्स यानी आईएनएफ़ संधि को स्थगित कर दिया है. फिलहाल अमरीका ने संधि को छह महीनों के लिए स्थगित कर दिया है और अगर रूस के साथ मतभेद हल नहीं होते हैं तो अमरीका संधि से बाहर निकल जाएगा.
अमरीका का कहना है कि रूस के क्रूज़ मिसाइल विकसित करने से संधि की शर्तों का उल्लंघन हुआ है. हालांकि, रूस अमरीका के इस आरोप से लगातार इनकार करता रहा है. दोनों ही पक्ष संधि का पालन न करने को लेकर एक-दूसरे को लंबे समय से आरोपी ठहराते आए हैं.
यह संधि एक महत्वपूर्ण हथियार नियंत्रण समझौता है जिस पर अमरीका और सोवियत संघ ने 1987 में हस्ताक्षर किए थे.
दुनिया की महाशक्तियों ने संधि के तहत ज़मीन से मार करने वाली 500 से लेकर 5,500 किलोमीटर की रेंज वाली मध्यम दूरी की मिसाइलों और क्रूज़ मिसाइलों को नष्ट करने और प्रतिबंधित करने पर सहमति जताई थी. इसमें परमाणु और पारंपरिक दोनों तरह की मिसाइलें शामिल हैं.
1970 में सोवियत रूस ने पश्चिमी यूरोप में
सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को शिक्षा एवं रोजगार में 10 प्रतिशत आरक्षण देने से जुड़ा 124वां संविधान संशोधन विधेयक 9 जनवरी 2019 को राज्यसभा में भी पास हो गया। उच्च सदन में विपक्ष सहित लगभग सभी दलों ने इस विधेयक का समर्थन किया। बिल को लेकर राज्यसभा में हुई वोटिंग के दौरान इसके समर्थन में 165 और खिलाफ में केवल 7 वोट पड़े। इससे पहले बिल को सिलेक्ट कमिटी के पास भेजने के लिए कनिमोझी ने प्रस्ताव रखा था। हालांकि वोटिंग के दौरान इसके पक्ष में 18 और खिलाफ में 155 वोट पड़े। इसके साथ ही बिल को सिलेक्ट कमिटी में भेजने की मांग खारिज हो गई।
आपको बता दें कि 124वें संविधान संशोधन विधेयक को लोकसभा ने एक दिन पहले 8 जनवरी 2019 को ही बहुमत के साथ पारित कर दिया था। सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि इस विधेयक को राज्यों की मंजूरी लेने की कोई जरूरत नहीं है। ऐसे में इस विधेयक को मंजूरी के लिए अब सीधे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। कुछ विपक्षी दलों ने इस विधेयक को लोकसभा चुनाव से पहले लाए जाने को लेकर सरकार की मंशा तथा इस विधेयक की न्यायिक समीक्षा में टिक पाने को लेकर आशंका जताई। हालांकि सरकार ने दा
चीन ने चांद के अनदेखे हिस्से पर दुनिया का पहला अंतरिक्ष यान उतारने में सफलता हासिल की है. उसके अनदेखे हिस्से का अध्ययन करने के लिए पहली बार कोई मिशन लांच किया गया है. यह उपलब्धि अंतरिक्ष में सुपरपावर बनने की दिशा में चीन के बढ़ते कदम की गवाह है. चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन (सीएनएसए) ने घोषणा की कि यान चांग‘ई-4 ने चंद्रमा की दूसरी ओर की सतह को छुआ. चांद के इस हिस्से को डार्क साइड भी कहा जाता है.चांग‘ई-4 का प्रक्षेपण शिचांग के प्रक्षेपण केंद्र से 08 दिसंबर 2018 को लॉन्ग मार्च 3बी रॉकेट के जरिये किया गया था. चीन को 03 जनवरी को 2019 को सफलता हासिल हुई. ये यान अपने साथ एक रोवर भी लेकर गया है. लो फ्रीक्वेंसी रेडियो एस्ट्रोनॉमिकल ऑब्जर्वेशन की मदद से चांद के इस हिस्से के बारे में पता लगाएगा.
चंद्र अभियान चांग‘ई-4 का नाम चीनी पौराणिक कथाओं की चंद्रमा देवी के नाम पर रखा गया है.मिशन के तहत घाटियों का अध्ययन: इस मिशन के तहत वहां की भू-संरचनाओं व घाटियों का अध्ययन किया जाएगा. इसके अतिरिक्त चांद पर मौजूद खनिजों और उसकी सतह की संरचना का भी पता लगाया जाएगा. इस यान के साथ चार विशेष वैज्ञानिक
असम में आज नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन जारी कर दिया गया है. नये मसौदे में असम में बसे सभी भारतीय नागरिकों के नाम पते और फोटो हैं. कुल 3.29 करोड़ आवेदन में 2.89 करोड़ लोगों के नाम नेशनल रजिस्टर में शामिल किए जाने के योग्य पाए गए हैं. वहीं 40 लाख लोग वैध नागरिक नहीं पाए गए. हालांकि यह फाइनल लिस्ट नहीं है बल्कि ड्राफ्ट है. जिनका नाम इस ड्राफ्ट में शामिल नहीं है वो इसके लिए दावा कर सकते हैं.
यह पहला मौका है जब राज्य में अवैध रूप से रहने वाले लोगों के बारे में जानकारी मिल सकेगी. देश में लागू नागरिकता कानून से थोड़े अलग रूप में राज्य में असम समझौता 1985 लागू है. इसके मुताबिक 24 मार्च 1971 की आधी रात तक सूबे में प्रवेश करने वाले लोगों को भारतीय नागरिक माना जाएगा.
असम में नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) के फाइनल ड्राफ्ट में 40 लाख लोगों के नाम शामिल न किए जाने पर सड़क से लेकर संसद तक संग्राम मचा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुआई में विपक्षी दल जहां सरकार पर हमलावर हैं, वहीं बीजेपी इसे एक बड़ा कदम बता रही है। मंगलवार को राज्यसभा में बीजेपी
भारतमाला नेशनल हाईवे डेवलपमेंट प्रोजेक्ट हैं। इसके तहत नए हाईवे के अलावा उन प्रोजेक्ट्स को भी पूरा किया जाएगा तो अब तक अधूरे हैं। इसमें बॉर्डर और इंटरनेशनल कनेक्टिविटी वाले डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स को शामिल किया गया है। पोर्ट्स और रोड, नेशनल कॉरिडोर्स को ज्यादा बेहतर बनाना और नेशनल कॉरिडोर्स को डेपलप करना भी इस प्रोजेक्ट में शामिल है। इसके अलावा बैकवर्ड एरिया, रिलीजियस और टूरिस्ट साइट्स को जोड़ने वालेनेशनल हाइवे बनाए जाएंगे।
भारतमाला परियोजना के तहत भारत सरकार ने 7 फेज में 34,800 किलोमीटर सड़कें बनाने का फैसला लिया है। इसके तहत नेशनल हाईवे, बॉर्डर्स, कोस्टल एरिया को जोड़ा जाएगा। ईस्टर्न और वेस्टर्न बॉर्डर्स पर 3,300 किमी रोड बनाई जाएंगी। लुधियाना-अजमेर और मुंबई-कोचीन के बीच नया नेशनल हाईवे बनाया जाएगा। लुधियाना-अजमेर के प्रपोज्ड हाईवे में दूरी 721 किमी तो हो जाएगी, लेकिन दोनों शहरों के बीच ट्रैवल टाइम घटकर 9 घंटे 15 मिनट हो जाएगा। मौजूदा 627 किमी लंबे हाईवे में अभी 10 घंटे लगते हैं। इसी तरह, प्रपोज्ड मुंबई-कोचीन हाईवे में दूरी 200 किमी बढ़ जाएगी, वक्त करीब 5 घंटे कम हो जाएगा।