Daily Current Affairs and GK

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी यानि बुधवार को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए यूनियन बजट 2023 (Union Budget 2023) संसद में पेश किया. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) सरकार के दूसरे कार्यकाल का पांचवां बजट था. पिछले 2 साल के आम बजट की तरह ही ये बजट भी पेपरलेस था. इस बजट में देश के आर्थिक विकास और इकोनॉमी से जुड़े विभिन्न फैसले लिए गए. साथ ही साथ मध्यम वर्ग जिस चीज का इंतजार कर रहा था उस पर भी ध्यान दिया गया है. दरअसल, सरकार ने टैक्स स्लैब में बदलाव किया है. वित्त मंत्री के पिटारे से कृषि, शिक्षा, इनकम टैक्स स्लैब, हेल्थ और नौकरीपेशा लोगों के लिए ऐलान किए गए. निर्मला सीतारमण ने संसद में करीब एक घंटा, 26 मिनट तक भाषण दिया.

आयकर स्लैब की संख्या छह से घटाकर पांच की गई. तीन से छह लाख रुपये पर 5 प्रतिशत और छह से नौ लाख रुपये पर 10 प्रतिशत, नौ लाख रुपये से 12 लाख रुपये पर 15 प्रतिशत, 12 लाख रुपये से 15 लाख रुपये 20 प्रतिशत, 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत कर देना होगा.

विश्व महासागर दिवस पर, नैशनल ज्यॉग्रैफिक (National Geographic) ने आधिकारिक तौर पर अंटार्कटिक के आसपास के पानी की बॉडी को दक्षिणी महासागर के रूप में मान्यता देने की घोषणा की, जिससे यह आर्कटिक, अटलांटिक, भारतीय और प्रशांत के साथ पांचवां महासागर बन गया.

नैशनल ज्यॉग्रैफिक  सोसाइटी (National Geographic Society) ने दुनिया के महासागरों की मैपिंग की है. संगठन ने घोषणा की कि वह दक्षिण महासागर (Southern Ocean), अंटार्कटिका को घेरने वाले पानी के एक निकाय को दुनिया के पांचवें ओशन के रूप में मान्यता देगा.

How many oceans does Earth have? National Geographic now says 5. | The  Seattle Times

जब से नैशनल ज्यॉग्रैफिक  ने 1915 में मानचित्र बनाना शुरू किया, इसने चार महासागरों को मान्यता दी: अटलांटिक, प्रशांत, भारतीय और आर्कटिक महासागर. विश्व महासागर दिवस 8 जून, 2021 को इसने दक्षिणी महासागर को दु

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने पीसीएस-2018 में चयनित अभ्यर्थियों का पदवार एवं श्रेणीवार कटऑफ मंगलवार को जारी कर दिया। 988 पदों के लिए 11 सितंबर 2020 को अंतिम परिणाम घोषित हुआ था। 1600 अंकों की परीक्षा में 1014 नंबर पाने वाले अभ्यर्थी ने टॉप किया था। पहले 1700 अंकों की परीक्षा होती थी लेकिन पीसीएस-2018 से साक्षात्कार 200 की बजाय 100 नंबर का होने के कारण पूर्णांक 1600 रह गया है।

प्रारंभिक परीक्षा 28 अक्टूबर 2018 को हुई थी। प्री का परिणाम 30 मार्च 2019 को आया, जिसमें मुख्य परीक्षा के लिए 19,096 अभ्यर्थी सफल घोषित हुए थे। उसके बाद हाईकोर्ट के आदेश पर 160 महिला अभ्यर्थियों को 5 अक्टूबर 2019 को मुख्य परीक्षा के लिए सफल घोषित किया गया। 18 से 22 अक्टूबर 2019 तक मुख्य परीक्षा हुई जिसका परिणाम 23 जून 2020 को जारी हुआ। 15 जुलाई से 25 अगस्त 2020 तक इंटरव्यू हुआ था।

कुल 988 पदों के लिए 2669 अभ्यर्थी साक्षात्कार में शामिल हुए थे। परीक्षा नियंत्रक अरविंद मिश्र की ओर से जारी सूचना के मुताबिक कटऑफ अंक 25 जनवरी तक वेबसाइट पर उपलब्ध रहेगा। अभ्यर्थी पीसीएस परीक्षा से जुड़ी किसी भी सूचना के लिए आयोग की वेबसाइट&n

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक कंपोजिट डिजिटल पेमेंट इंडेक्स (DPI) का निर्माण किया है। इस इंडेक्स से यह पता चलेगा कि देशभर में पेमेंट्स का किस स्तर तक डिजिटाइजेशन हुआ है। इस इंडेक्स में 5 मुख्य पैरामीटर्स होंगे।

ये 5 पैरामीटर्स अलग-अलग समयावधि में देश में डिजिटल पेमेंट्स के पेनीट्रेशन का आकलन करने में मदद करेंगे। RBI के बयान के मुताबिक ये पैरामीटर्स हैं- पेमेंट इनेबलर्स, पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर-डिमांड साइड फैक्टर्स, पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर-सप्लाई साइड फैक्टर्स, पेमेंट परफॉर्मेंस और कंज्यूमर सेंट्रिसिटी। इनमें से हर एक पैरामीटर के अंदर कुछ सब-पैरामीटर्स होंगे और हर एक सब-पैरामीटर के अंदर कई मापने लायक इंडिकेटर्स होंगे।

इन 5 पैरामीटर्स से तय होगा इंडेक्स का परफॉर्मेंस

  1. पेमेंट इनेबलर्स (वेटेज 25%)
  2. पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर-डिमांड साइड फैक्टर्स (वेटेज 10%)
  3. पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर-सप्लाई साइड फैक्टर्स (वेटेज 15%)
  4. पेमेंट परफॉर्मेंस (वेटेज 45%)
  5. कंज्यूमर सेंट्रिसिटी (वेटेज 5%)

28 जनवरी 2020 को मेडागास्कर में चक्रवात आने की वजह से नौसेना ने ऑपरेशन 'वनीला' की शुरूआत की हैं जिसमें चक्रवात से प्रभावित लोगों की मदद की जाएगी और इसके लिए भारतीय नौसेना के ऐरावत को काम में लिया जा रहा हैं। वनीला ऑपरेशन को चक्रवात डायने द्वारा मचाई गई तबाही के बाद मेडागास्कर के प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान करने हेतु शुरू किया गया है।

भारतीय नौसेना के अनुसार "INS ऐरावत, को इस मिशन के लिए तैनात किया गया हैं, तथा जिसे उसी तरफ डायवर्ट कर दिया गया है"। भारतीय नौसेना जहाज चिकित्सा शिविर स्थापित करने और भोजन, पानी और अन्य आवश्यक राहत सामग्री प्रदान करने के लिए तैयार है।

मेडागास्कर को सहायता भारतीय नौसेना की विदेश सहयोग की पहल के तहत प्रदान की जा रही हैं, जो प्रधानमंत्री की 'Security and Growth for all in the Region (SAGAR)' 'सुरक्षा और क्षेत्र में सभी के लिए विकास' (SAGAR) के दृष्टिकोण के अनुरूप है। भारतीय नौसेना हिंद महासागर में मानवीय और आपदा राहत (HADR) के लिए सहायता देने वाला पहला संगठन है।

G-7 या द ग्रुप ऑफ़ सेवन (G7) एक अंतरराष्ट्रीय अंतर सरकारी आर्थिक संगठन है जिसमें दुनिया की सात सबसे बड़ी IMF द्वारा बतायी गयीं विकसित अर्थव्यवस्थाएँ शामिल हैं. G-7 की स्थापना सन 1975 में 6 विकसित देशों (फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका) ने की थी.अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प इसका विस्तार करके G-10 या G-11 बनाना चाहते हैं जिसमें भारत भी शामिल होगा.

G–7 की 45 वीं बैठक फ़्रांस के बिआरिट्ज शहर में 24 से 26 अगस्त के बीच हुई जिसमें भारत की ओर से प्रधानमन्त्री मोदी ने भाग लिया था.

G–7 के सदस्य देश (Members of G-7)

विश्व के 7 सबसे विकसित राष्ट्र (फ्रांस, जर्मनी, इटली, यूनाइटेड किंग्डम, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा) विश्व की समस्याओं पर सभी का ध्यान दिलाने के लिए हर साल किसी देश में विचार विमर्श के लिए इकट्ठे होते हैं.

G–7, विश्व के सर्वोच्च सम्पन्न औद्योगिक देशों– फ्रांस, जर्मनी, इटली, यूनाइटेड किंग्डम, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा  का एक संघ है।

जिस तरह से हर व्यक्ति को पोषक तत्वों की जरूरत होती है, उसी तरह से पौधों को भी अपनी वृद्धि, प्रजनन, तथा विभिन्न जैविक क्रियाओं के लिए कुछ पोषक तत्वों की जरूरत होती है। इन पोषक तत्वों के न मिल पाने से पौधों की वृद्धि रूक जाती है यदि ये पोषक तत्व एक निश्चित समय तक न मिलें तो पौधा सूख जाता है। वैज्ञानिक परीक्षणो के आधार पर 17 तत्वों को पौधो के लिए जरूरी बताया गया है, जिनके बिना पौधे की वृद्धि-विकास तथा प्रजनन आदि क्रियाएं सम्भव नहीं हैं। इनमें से मुख्य तत्व कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश है। नाइट्रोजन, फास्फोरस तथा पोटाश को पौधे अधिक मात्रा में लेते हैं, इन्हें खाद-उर्वरक के रूप में देना जरूरी है। इसके अलावा कैल्सियम, मैग्नीशियम और सल्फर की आवश्यकता कम होती है अतः इन्हें गौण पोषक तत्व के रूप मे जाना जाता है इसके अलावा लोहा, तांबा, जस्ता, मैंग्नीज, बोरान, मालिब्डेनम, क्लोरीन व निकिल की पौधो को कम मात्रा में जरूरत होती है।

1- नत्रजन के प्रमुख कार्य

  • नाइट्रोजन से प्रोटीन बनती है जो जीव द्रव्य का अभिन्न अंग है तथा पर्ण हरित के निर्माण में भी

देश की श‍िक्षा नीति में 34 साल बाद नये बदलाव किए गए हैं. 29.07.2020 को इस नई श‍िक्षानीति को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी. नई शिक्षा नीति (New Education Policy) के तहत बोर्ड परीक्षा (Board Exams) को सरल बनाने, पाठ्यक्रम का बोझ कम करने के साथ ही बचपन की देखभाल और शिक्षा पर जोर देते हुए स्कूल पाठ्यक्रम के 10+2 ढांचे में बदलाव किया गया है.

नई श‍िक्षा नीति में स्कूल के बस्ते, प्री प्राइमरी क्लासेस से लेकर बोर्ड परीक्षाओं, रिपोर्ट कार्ड, यूजी एडमिशन के तरीके, एमफिल तक बहुत कुछ बदला है. यहां जानें आख‍िर न्यू एजुकेशन पॉलिसी में इतने सालों बाद क्या बदला है.

इस नीति की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा के साथ कृषि शिक्षा, कानूनी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा और तकनीकी शिक्षा जैसी व्यावसायिक शिक्षाओं को इसके दायरे में लाया गया है. इसका मुख्य उद्देश्य है कि छात्रों को पढ़ाई के साथ साथ किसी लाइफ स्‍क‍िल से सीधा जोड़ना.

अभी तक आप आर्ट, म्यूजिक, क्राफ्ट, स्पोर्ट्स, योग आदि को सहायक पाठ्यक्रम (co cu

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि एमएसएमई यानी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग की परिभाषा बदल दी गई है. इसमें निवेश की लिमिट में बदलाव किया गया है. 1 करोड़ निवेश या 10 करोड़ टर्नओवर पर सूक्ष्म उद्योग का दर्जा दिया जाएगा.

इसी तरह 10 करोड़ निवेश या 50 करोड़ टर्नओवर पर लघु उद्योग का दर्जा दिया जाएगा. वहीं 20 करोड़ निवेश या 100 करोड़ टर्नओवर पर मध्यम उद्योग का दर्जा होगा.निर्मला सीतारमण ने बताया कि मौजूदा दौर में ट्रेड फेयर संभव नहीं है.

200 करोड़ तक का टेंडर ग्‍लोबल नहीं होगा. यह एमएसएमई के लिए बड़ा कदम है. इसके अलावा एमएसएमई को ई-मार्केट से जोड़ा जाएगा. सरकार एमएसएमई के बाकी पेंमेंट 45 दिनों के अंदर करेगी.

वित्त मंत्री के मुताबिक 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज में से 3 लाख करोड़ एमएसएमई यानी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग को जाएंगे. इनको बिना गारंटी लोन मिलेगा. इसकी समयसीमा 4 साल की होगी. इन्‍हें 12 महीने की छूट मिलेगी. ये ऑफर 31 अक्‍टूबर 2020 तक के लिए है.

केंद्र सरकार, असम सरकार और बोडो समूहों – जिसमें चरमपंथी गुट नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (NDFB) के सभी गुट शामिल हैं – ने शांति और विकास के लिए बोडोलैंड समझौते पर हस्ताक्षर किए। 

फिलहाल क्या समझौता हुआ है?

बोडोलैंड को अब तक आधिकारिक तौर पर बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल (बीटीसी) कहा जाता है। नए समझौते के लागू होने के बाद इसका नाम बोडोलैंड टेरिटोरियल रीजन (बीटीआर) हो जाएगा। बीटीआर को अधिक अधिकार दिए जाएंगे। बीटीसी की मौजूजा 40 सीटों को बढ़ाकर 60 कर दिया जाएगा और इलाके में कई नए जिलों का गठन होगा। गृह विभाग को छोड़ अन्य विधायी, प्रशासनिक और वित्तीय अधिकार बीटीआर के पास रहेंगे।

समझौते में कहा गया है, “असम राज्य की क्षेत्रीय अखंडता को अक्षुण्ण रखते हुए उनकी मांगों के लिए एक व्यापक और अंतिम समाधान के लिए बोडो संगठनों के साथ बातचीत की गई।”

बीटीसी क्या थी ?यह संविधान की छठी अनुसूची के तहत एक स्वायत्त निकाय थी। पहले दो बोडो समझौते हुए हैं। दूसरे समझौते के बाद बीटीसी का गठन हुआ। 1987 से ABSU के नेतृत्व वाला जो आंदोलन शुरू हुआ था, वह 1

मिशन इंद्रधनुष अभियान को भारत सरकार के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी बच्चों को टीकाकरण के अंतर्गत लाने के लिये "'मिशन इंद्रधनुष'" को सुशासन दिवस के अवसर पर 25 दिसंबर 2014 प्रारंभ किया गया था ' इंद्रधनुष के सात रंगों को प्रदर्शित करने वाला मिशन इंद्रधनुष का उद्देश्य उन बच्चों का 2020 तक टीकाकरण करना है जिन्हें टीके नहीं लगे हैं या डिफ्थेरिया, बलगम, टिटनस ,पोलियो, तपेदिक, खसरा तथा हेपिटाइटिस-बी को रोकने जैसे सात टीके आंशिक रूप  से लगे हैं।

पहले चरण में देश में 221 जिलों की पहचान की है, जिसमें 50 प्रतिशत बच्चों को टीके नहीं लगे हैं या उन्हें आंशिक रूप से टीके लगाए गए हैं। इन जिलों को नियमित रूप से टीकाकरण की स्थिति सुधारने के लिए लक्ष्य बनाया जाएगा। मंत्रालय का कहना है कि 201 जिलों में से 82 जिले केवल चार राज्य-उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश तथा राजस्थान से हैं और चार राज्यों के 42 जिलों में 25 प्रतिशत बच्चों को टीके नहीं लगाए गए हैं या उन्हें आंशिक रूप से टीके लगाए गए हैं।

धानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों के सभी घरों तक बिजली पहुंचाने के लिए 'सौभाग्य' योजना की शुरुआत की है. नरेंद्र मोदी ने जनसंघ नेता दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर इस महत्वपूर्ण योजना की घोषणा की है. सौभाग्य का मतलब 'सहज बिजली हर घर योजना' है. इसके तहत साल 2019 तक हर गांव, हर शहर के हर घर तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. मोदी की मंशा है कि 31 मार्च 2019 तक इसे पूरा किया जाय.

इस योजना के तहत साल 2011 के सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना में दर्ज गरीबों को बिजली का कनेक्शन फ्री दिया जाएगा. जिन लोगों का नाम इस जनगणना में नहीं है वह भी 500 रुपये का भुगतान कर बिजली का कनेक्शन हासिल कर सकेंगे. इस राशि को 10 बराबर किस्तों में बिजली के बिलों के रूप में वसूला जाएगा.

सौभाग्य योजना के तहत सुदूर व दुर्गम क्षेत्रों में बिजली से वंचित लोगों को मोदी सरकार बैटरी बैंक उपलब्ध कराएगी. इसके तहत 200 से 300 डब्ल्यूपी का सोलर पावर पैक दिया जायेगा, जिसमें पांच एलईडी लाइट, एक पंखा, एक पावर प्लग काम कर पायेगा. इस पैक के लिए 5 साल की मेंटे

हर साल प्राकृतिक आपदा के चलते भारत में किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है. बाढ़, आंधी, ओले और तेज बारिश से उनकी फसल खराब हो जाती है. उन्हें ऐसे संकट से राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) शुरू की है. इसे 13 जनवरी 2016 को शुरू किया गया था.

इसके तहत किसानों को खरीफ की फसल के लिये 2 फीसदी प्रीमियम और रबी की फसल के लिये 1.5% प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है.

PMFBY में प्राकृतिक आपदाओं के कारण खराब हुई फसल के मामले में बीमा प्रीमियम को बहुत कम रखा गया है. इससे PMFBY तक हर किसान की पहुंच बनाने में मदद मिली है.

PMFBY योजना वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए भी बीमा सुरक्षा प्रदान करती है. इसमें हालांकि किसानों को 5% प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है.

भारतीय कृषि बीमा कंपनी (एआईसी या AIC) इस योजना को चलाती है.

योजना के उद्देश्य

  1. प्राकृतिक आपदा, कीड़े और रोग की वजह से सरकार द्वारा अधिसूचित फसल में से किसी नुकसान की स्थिति में किसानों क

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार, (1 फरवरी 2020) को प्रधानमंत्री कृषि ऊर्जा सुरक्षा उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम) के विस्तार की घोषणा की। इस योजना के तहत 20 लाख किसानों को सोलर पंप लगाने में मदद की जाएगी।

वित्त मंत्री ने 2020-21 का बजट पेश करते हुए कहा कि 15 लाख किसानों को ग्रिड से जुड़े सोलर पंप लगाने के लिए धन मुहैया कराया जाएगा। किसान इन सोलर पंपों से बनने वाली अतिरिक्त बिजली की आपूर्ति ग्रिड को भी कर सकेंगे। मोदी सरकार ने पिछले कार्यकाल में फरवरी 2019 में पीएम कुसुम योजना की शुरुआत की थी, जिसके लिए 34,422 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था। 

सीतारमण ने लोकसभा में कहा कि इस योजना से किसानों की डीजल और केरोसिन तेल पर निर्भरता घटी है और वे सौर ऊर्जा से जुड़े हैं। इस योजना से किसान सौर ऊर्जा उत्पादन करने और उसे ग्रिड को बेचने में सक्षम हुए हैं। उन्होंने कहा कि किसान अपनी बंजर जमीन पर सौर ऊर्जा पैदा कर आमदनी भी कमा सकेंगे। 

पीएम कुसुम योजना के तीन घटक हैं- 10,000 मेगावाट क्षमता के ग्रिड से जुड़े विकेंद्रीकृत नवीकरणीय बिजली संयंत्र, 17.50 लाख ग्रिड से

लगभग 25 साल पुराने ब्रू-शरणार्थियों के संकट का अंत हुआ है. समझौते के तहत अब उनके लिए गरिमापूर्ण जीवन जीने का रास्ते खुल गए हैं. 2020 का नया दशक ब्रू-शरणार्थियों समुदाय के जीवन में एक नई आशा और उम्मीद की किरण लेकर आया है.

करीब 34,000 ब्रू-शरणार्थियों को त्रिपुरा में बसाया जाएगा.

71वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया. उन्होंने कहा 'आज गणतंत्र-दिवस के पावन अवसर पर मुझे 'गगनयान' के बारे में बताते हुए खुशी हो रही है. 2022 में हमारी आजादी के 75 साल पूरे होने वाले हैं और उस मौके पर हमें 'गगनयान मिशन' के साथ एक भारतवासी को अंतरिक्ष में ले जाने के अपने संकल्प को सिद्ध करना है.'

पीएम ने आगे कहा कि 'गगनयान  मिशन' 21वीं सदी में साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत की एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगा. नए भारत के लिए ये एक 'मील का पत्थर' साबित होगा. पीएम ने कहा कि इस मिशन में Astronaut यानी अंतरिक्ष यात्री के लिए 4 उम्मीदवारों का चयन कर लिया गया है. ये चारों भारतीय वायुसेना के पायलट हैं.

भारतीय अंतरिक्ष यान कार्यक्रम गगनयान के अंतर्गत भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो ) अंतरिक्ष की स्थिति को बेहतर तरीके से समझने के लिए ह्यूमैनोयड मॉडल (मानव की तरह दिखने वाला ) भेजने की योजना बना रहा है. इस ह्यूमनॉयड को इसरो ने ‘व्योम मित्र’ नाम दिया है. बताया जा रहा है कि इसे 2022 में गगनयान मिशन से पह

पूर्व जनरल बिपिन रावत को भारत का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बनाया गया है. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ; प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री के लिए महत्वपूर्ण रक्षा और रणनीतिक मुद्दों पर भारत सरकार के सलाहकार के रूप में कार्य करेगा. CDS; परमाणु मुद्दों पर प्रधानमंत्री के सैन्य सलाहकार के रूप में भी काम करेगा. सीडीएस का पद 'फोर स्टार' जनरल के समकक्ष होगा और सभी सेनाओं के प्रमुखों में सबसे ऊपर होगा जबकि रिटायरमेंट की उम्र 65 वर्ष होगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान लालकिले की प्राचीर से जब थलसेना, नौसेना और वायुसेना के बीच तालमेल सुनिश्चित करने और उन्हें प्रभावी नेतृत्व देने के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के पद का एलान किया था, तभी से सबकी निगाहें इस बात पर थीं कि इस पद पर पहला मौका किसे मिलेगा।

भारत में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के पीछे का इतिहास (History behind the CDS post)

भारत में यह पहली बार नहीं है कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) का पद सृजित हो रहा है. वर्ष 1999 के कारगिल युद्ध के बाद भी

कारपोरेट कार्य मंत्रालय ने ई-प्रशासन पहल के अधीन कई कदम उठाए हैं। इसका एक मात्र उद्देश्‍य हित धारकों की डाटाबेस तक पहुंच को सुविधा जनक बनाना है, जो उनके लिए अपना कारोबार और बढ़ाने के लिए अत्‍यधिक महत्‍वपूर्ण होगा। यह डाटाबेस खास कर हित धारकों द्वारा कारपोरेट जगत को स्‍वीकृत और जारी अग्रिम राशि के प्रति शुल्‍क के सृजन से संबंधित है। 

एमसीए और एमसीए-21 पोर्टल का पुनर्निर्माण

  • पुनर्निर्मित पोर्टल एमसीए-21 पहली बार खोलने वाले उपयोगकर्ता के लिए अधिक हितैषी और व्‍याख्‍यात्‍मक है।

  • पोर्टल एमसीए-21 का अत्‍यधिक प्रयोग में आने वाली कार्यात्मकताओं से सम्‍बन्धित अनुभागों को परिभाषित किया है और उपयोगकर्ता की सहायता के लिए विस्‍तृत उपाय-वार प्रक्रिया परिभाषित की गई है।

  • एमसीए-21 पोर्टल की कार्यात्‍मकताओं से

स्वीडन की रहने वाली 16 वर्षीय ग्रेटा टुनबर्ग के ‘फ्राइडे फॉर फ्यूचर’ अभियान के पक्ष में लाखों लोग आ चुके हैं। वह तब चर्चा में आई थीं जब अगस्त, 2018 में हर शुक्रवार स्वीडन की संसद के बाहर धरना देना शुरू कर दिया था। वह हाथों में एक तख्ती लेकर वहां रहती थीं, जिस पर लिखा होता था जलवायु की खातिर स्कूल की हड़ताल। 

ग्रेटा टुनबर्ग पूरी दुनिया के लिए पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन की आइकॉन बन गई हैं. 16 साल की टुनबर्ग के नेतृत्व में 150 से अधिक देशों में हजारों लाखों बच्चों ने सड़क पर उतरकर जलवायु परिवर्तन की नजरअंदाजी के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. स्वीडन की टुनबर्ग ने साल भर पहले जलवायु परिवर्तन की लड़ाई अकेले शुरू की थी. ‘फ्राइडे फॉर फ्यूचर’ नाम से शुरू मुहीम में उनके साथ लाखों पर्यावरण प्रेमी जुड़ चुके हैं.

जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा टुनबर्ग ने मंगलवार (29/10/2019) को एक पर्यावरण पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि जलवायु अभियान में आवश्यकता इस बात की है कि सत्ता में बैठे लोग पुरस्कार देने के बजाए वि

यूरोपीय संघ (EU) प्रतिनिधिमंडल के कश्मीर दौरे को लेकर यूरोप के एक गैर सरकारी संगठन (NGO) का  नाम सुर्खियों में है. कथित तौर पर वूमेन’स इकोनॉमिक एंड सोशल थिंक टैंक (WESTT) नाम के NGO ने इस अनौपचारिक दौरे के लिए इंतजाम किए. WESTT छह साल पुराना एनजीओ है जिसे 19 सितंबर 2013 को रजिस्टर्ड किया गया. ‘थिंक टैंक एंड रिसर्च इंस्टीट्यूशन्स’ की EU रजिस्ट्रेशन कैटेगरी की धारा 4 के तहत ये रजिस्ट्रेशन हुआ. सोशल मीडिया की अटकलों के विपरीत WESTT को किसी सरकारी संस्था (भारतीय या यूरोपीय) से फंडिंग के तौर पर मोटी रकम नहीं मिली. EU रिकॉर्ड्स के मुताबिक एनजीओ को बीते वित्त वर्ष में कुल 24,000 पौंड (करीब 18,83,376 रुपये) का कुल फंड मिला. WESTT को ये फंड सालाना डोनेशन के तौर पर मिला. EU रिकॉर्ड्स से ये भी संकेत मिला कि एनजीओ को पूरे साल में एक ही डोनर मिला.

WESTT एनजीओ दरअसल यूनाइटेड किंगडम स्थित माडी ग्रुप की कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी से जुड़ी गतिविधि है.

माडी ग्रुप के जरिए WESTT को यूनाइटेड किंगड

यह जगह सीरिया में हैं। इसका नाम है बारिशा। यह एक गांव है जो तुर्की की सीमा से कोई दस किमी की दूरी पर था। वहीं सीरिया की राजधानी अलेप्‍पो से इसकी दूरी करीब 90 किमी थी। अलेप्‍पो से यदि सड़क से यह दूरी तय की जाए तो करीब दो घंटे का समय लगता है। वहीं सीरिया के ही इदलिब से यह 32 किमी की दूरी पर स्थित है। बगदादी की मौत के बाद यह पूरा इलाका सुर्खियों में आ गया है। 

बारिशा गांव (Barisha or Baricha Village) हरेम जिले में आता है जिस पर सीरिया के इदलिब प्रांत (Idlib Government) की हुकूमत चलती है। बारिशा अ'ला' पहाडि़यों (A'La' Mountain) के बीच बसा एक छोटा सा गांव है। आपको जानकर हैरत होगी कि यहां फैली खामोशी की बदौलत इस इलाके को मृत शहर या डेड सिटी (Dead Cities) भी कहा जाता है। सीरिया के सेंट्रल ब्‍यूरो ऑफ स्‍टेटिस्‍टक्‍स (Syria Central Bureau of Statistics) के आंकड़ों के मुताबिक 2004 में इसकी आबादी महज 1143 थी। आपको बता दें कि यह गांव सीरिया के उस प्राचीन इतिहास का हिस्‍सा है जिसका संबंध बीजांटिन पीरियड (Byzantine period) से है। यह रोमन साम्राज्‍य की याद दिलाता है

आयुष्मान भारत योजना (ABY) की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर 2018 में की थी। इसे पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जयंती पर 25 सितंबर से देशभर में लागू कर दिया गया है. आयुष्मान भारत योजना (ABY) को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) भी कहा जाता है. यह वास्तव में देश के गरीब लोगों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम है. PMJAY के तहत देश के 10 करोड़ परिवारों को सालाना 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा मिल रहा है. सरकार ABY के माध्यम से गरीब, उपेक्षित परिवार और शहरी गरीब लोगों के परिवारों को स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराना चाहती है. आयुष्मान भारत योजना (ABY) में शामिल होने के लिए परिवार के आकार और उम्र का कोई बंधन नहीं है.

आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य बीमा का लाभ लेने वालों की संख्या 20 लाख के पार निकल गयी है। कुल मिलाकर अब तक 3.07 करोड़ लाभार्थियों को योजना के तहत ई-कार्ड जारी किये गये हैं। योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर 2018 में की थी। इसमें 10.74 करोड़ से अधिक गरी

आज 27 मार्च को भारत ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल किया है. हमारे वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में 300 किलोमीटर दूर Low Earth Orbit (LEO) में एक लाइव सैटेलाइट को मार गिराया है. यह सैटेलाइट जो कि एक पूर्व निर्धारित लक्ष्य था, एसेट मिसाइल द्वारा मार गिराया गया. 'मिशन शक्ति' को तीन मिनट में सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया. यह अत्यंत कठिन ऑपरेशन था. इसमें उच्च गुणवत्ता वाली तकनीक की जरूरत थी. सभी निर्धारित उद्देश्य प्राप्त कर लिए गए. यह भारत में एंटी सैटेलाइट (ए-सेट) मिसाइल द्वारा सिद्ध किया गया.

 भारत ने अंतरिक्ष में एक और कामयाबी का परचम लहराया है और मिशन शक्ति (Mission Shakti) की सफलता के साथ अमेरिका, चीन, रूस के बाद भारत दुनिया का चौथा सबसे शक्तिशाली देश बन गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने देश के नाम संबोधन में इस बात की जानकारी दी. पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान कहा कि भारत अंतरिक्ष पावर के रूप में दुनिया का चौथा सबसे शक्तिशाली देश बन गया है.

अंतर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के उन तमाम वर्गो को सामाजिक सुरक्षा से लैस कर दिया जो अब तक इन सुविधाओं से वंचित थे।  पीएम ने अपनी गुजरात यात्रा के दूसरे दिन असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे कामगारों के लिए इस बड़ी योजना की शरूआत की। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये योजना देश के श्रमजीवियों,कर्मजीवियों को समर्पित है और मां भारती के भाल पर ये एक तिलक के समान है। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि ग़रीबी कैसी होती है और एक मज़दूर का जीवन कितना संघर्षपूर्ण होता है इसे उन्होने नज़दीक से देखा है। वजह यही है आज़ादी के बाद जो काम ग़रीबों,मज़दूरों और कामगारों के हित के लिए नहीं हुआ उसे सिर्फ 55 महीने वाली सरकार ने मुमकिन करके दिखाया है। असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों और मजदूरों के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना की घोषणा इस साल फरवरी में अंतरिम बजट में की गई थी। श्रम योगी मानधन योजना से वे सभी लोग जुड़ सकते हैं जिनकी आय 15 हज़ार प्रति माह है या इससे कम है।

इस योजना में स्वैच्छिक रू

पुलवामा आतंकी हमले और फिर भारतीय वायुसेना की ओर से 26 फरवरी को पाकिस्‍तान के बालाकोट में की गई एयर स्‍ट्राइक के बाद पाकिस्‍तान ने भारतीय हवाई क्षेत्र के उल्‍लंघन की कोशिश की, जिसे भारत ने सतर्कता से विफल कर दिया। हालांकि इस दौरान एक मिग-21 बायसन हादसे का शिकार हो गया और पायलट को पाकिस्‍तान ने अपनी हिरासत में ले लिया।

विंग कमांडर को पाकिस्‍तान द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद जेनेवा संधि की चर्चा हो रही है। इस चर्चा को इन आरोपों के बीच बल मिला कि पाकिस्‍तान में भारतीय विंग कमांडर के बीच बदसलूकी की गई और 'युद्ध बंदी' के साथ इस तरह का सलूक जेनेवा संधि का उल्‍लंघन है।

क्‍या है जेनेवा कन्‍वेंशन?

जेनेवा कन्‍वेंशन (1949) अंतरराष्‍ट्रीय संधियों का एक सेट है, जिसमें चार संधियां और तीन अतिरिक्त प्रोटोकॉल शामिल हैं। यह सुनिश्चित करता है कि युद्ध में शामिल सभी पक्ष नागरिकों और मेडिकल कर्मचारियों के साथ अंतरराष्‍ट्रीय कानून के तहत मानवीय व्‍यवहार करेंगे। दूसरे शब्‍दों में कहें

भारत में सन् 1986 से प्रतिवर्ष 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (नेशनल साइंस डे) मनाया जाता है। प्रोफेसर सी.वी. रमन (चंद्रशेखर वेंकटरमन) ने सन् 1928 में कोलकाता में इस दिन एक उत्कृष्ट वैज्ञानिक खोज की थी, जो ‘रमन प्रभाव’ के रूप में प्रसिद्ध है। रमण की यह खोज 28 फरवरी 1930 को प्रकाश में आई थी। इस कारण 28 फरवरी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस कार्य के लिए उनको 1930 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इस दिवस का मूल उद्देश्य विद्यार्थियों को विज्ञान के प्रति आकर्षित करना, विज्ञान के क्षेत्र में नए प्रयोगों के लिए प्रेरित करना तथा विज्ञान एवं वैज्ञानिक उपलब्धियों के प्रति सजग बनाना है। इस दिन, विज्ञान संस्थान, प्रयोगशाला, विज्ञान अकादमी, स्कूल, कॉलेज तथा प्रशिक्षण संस्थानों में वैज्ञानिक गतिविधियों से संबंधित प्रोग्रामों का आयोजन किया जाता हैं। रसायनों की आणविक संरचना के अध्ययन में 'रमन प्रभाव' एक प्रभावी साधन है। 

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस देश में विज्ञान के निरंतर उन्नति का आह्वान करता है

केंद्र सरकार ने 27 फ़रवरीं 2019 को आंध्र प्रदेश के लिए एक अलग नया रेलवे जोन दक्षिण तटीय रेलवे (एससीओआर-South Coast Railway) की स्थापना की घोषणा की है ।  इस रेलवे जोन में गुंतकल, गुंटूर तथा विजयवाड़ा डिवीज़न शामिल होंगे। यह डिवीज़न केन्द्रीय रेलवे के अधीन आते हैं। दक्षिणी केन्द्रीय रेलवे में हैदराबाद, सिकंदराबाद तथा नांदेड़ डिवीज़न शामिल होंगे। वाल्टेयर डिवीजन को दो भागों में बाटा जाएगा। वाल्टेयर डिवीजन के एक हिस्से को नए मंडल यानि दक्षिण तटीय रेलवे में शामिल करके पड़ोसी विजयवाड़ा डिवीजन में मिला लिया जाएगा। वाल्टेयर डिवीजन के बाकी हिस्से को एक नए डिवीजन में परिवर्तित कर दिया जाएगा। इसका मुख्यालय पूर्वी तटीय रेलवे के अधीन रायगडा में होगा। दक्षिण मध्य रेलवे में हैदराबाद, सिकंद्राबाद और नान्देड़ डिवीजन शामिल होंगे। 

आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2014 की अनुसूची 13 (बुनियादी ढांची) की मद संख्या 8 के अनुसार भारतीय रेलवे बोर्

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'प्रधानमंत्री जन आरोग्य' योजना (आयुष्मान भारत योजना यानी ABY) की घोषणा की है. इसे पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जयंती पर 25 सितंबर से देशभर में लागू कर दिया गया है. सरकार ABY के माध्यम से गरीब, उपेक्षित परिवार और शहरी गरीब लोगों के परिवारों को स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराना चाहती है. 

सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (SECC) 2011 के हिसाब से ग्रामीण इलाके के 8.03 करोड़ परिवार और शहरी इलाके के 2.33 करोड़ परिवार आयुष्मान भारत योजना (ABY) के दायरे में आयेंगे. 

आयुष्मान भारत योजना (ABY) में हर परिवार को सालाना पांच लाख रुपये का मेडिकल इंश्योरेंस मिल रहा है. साल 2008 में यूपीए सरकार द्वारा लांच राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (NHBY) को भी आयुष्मान भारत योजना (PM-JAY) में मिला दिया गया है. 

ABY की योग्यता का निर्धारण कैसे होता है?
SECC के आंकड़ों के हिसाब से आयुष्मान भारत योजना (ABY) में लोगों को मेडिकल इंश्योरेंस मिल रहा है. SECC के आंकड़ों के हिसाब

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण और उनके तेजी से इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए फेम इंडिया योजना के दूसरे चरण को मंजूरी दे दी है।

कुल 10,000 करोड़ रुपये के परिव्यय वाली यह योजना 1 अप्रैल, 2019 से तीन वर्षों के लिए शुरू की जाएगी। यह योजना मौजूदा ‘फेम इंडिया वन’ का विस्तारित संस्करण है। ‘फेम इंडिया वन’योजना 1 अप्रैल, 2015 को लागू की गई थी।

वित्तीय प्रभावः

फेम इंडिया योजना का दूसरा चरण 2019-20 से 2021-22 तक तीन वर्षों के लिए लागू किया जाएगा। इसके लिए कुल 10,000 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी।

प्रभावः

इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश में इल

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने  प्रधानमंत्री जी-वन (जैव ईंधन वातावरण अनुकूल फसल अवशेष निवारण) योजना के लिए वित्तीय मदद को मंजूरी दे दी है। इसके तहत ऐसी एकीकृत बायो-इथेनॉल परियोजनाओं को, जो लिग्नोसेलुलॉसिक बायोमास और अन्य नवीकरणीय फीडस्टॉक का इस्तेमाल करती हैं, के लिए वित्तीय मदद का प्रावधान है।

भारत सरकार ने इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम 2003 में लागू किया था। इसके जरिए पेट्रोल में इथेनॉल का मिश्रण कर पर्यावरण को जीवाश्म ईंधनों के इस्तेमाल से होने वाले नुकसान से बचाना, किसानों को क्षतिपूर्ति दिलाना तथा कच्चे तेल के आयात को कम कर विदेशी मुद्रा बचाना है। वर्तमान में ईबीपी 21 राज्यों और 4 संघ शासित प्रदेशों में चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत तेल विपणन कम्पनियों के लिए पेट्रोल में 10 प्रतिशत तक इथेनॉल मिलाना अनिवार्य बनाया गया है। मौजूदा नीति के तहत पेट्रोकेमिकल के अलावा मोलासिस और नॉन फीड स्‍टाक उत्पाद

ब्रितानी शासनकाल ने भारत को कई चीज़ें दी हैं. इनमें से एक अहम चीज़ है पूरे देश का एक ही टाइमज़ोन में होना. कई लोगों के अनुसार ये अनेकता में एकता का प्रतीक है. लेकिन ऐसा नहीं है कि सभी मानते हों कि भारतीय मानक समय यानी इंडियन स्टेंडर्ड टाइम एक अच्छी चीज़ है. पढ़िए क्यों. पूर्व से पश्चिम तक भारत 3,000 किलोमीटर यानी 1,864 मील तक चौड़ा है. देशान्तर रेखा पर देखें तो ये कम से कम 30 डिग्री तक के इलाके में फैला है. सूर्य को आधार बना कर होने वाली समय की गणना के अनुसार इसका मतलब है कि एक छोर से दूसरे छोर तक समय का फर्क कम से कम दो घंटे का है.

इस फर्क का अंदाज़ा न्यू यॉर्क और यूटा के समय को देखने पर पता चलता है. अगर ये दोनों जगहें भारत में होतीं तो दोनों जगहों पर समय एक ही होता. लेकिन, भारत में इस छोटे से फर्क का असर लाखों लोंगों पर पड़ा है.

भारत के सूदूर पश्चिमी छोर के मुकाबले देश के पूर्व में सूर्योदय तकरीबन दो घंटे पहले होता है.

पूरे देश के लिए एक मानक समय की आलोचना करने वालों का कहना है कि देश के पूर्वोत्तर में सूर्य की रोशनी का पूरा इस्तेमाल करने के लिए ये

अमरीका ने शीत युद्ध के दौर के प्रमुख परमाणु ​हथियार समझौते इंटरमीडिएट रेंज न्यूक्लियर फ़ोर्स यानी आईएनएफ़ संधि को स्थगित कर दिया है. फिलहाल अमरीका ने संधि को छह महीनों के लिए स्थगित कर दिया है और अगर रूस के साथ मतभेद हल नहीं होते हैं तो अमरीका संधि से बाहर निकल जाएगा.

अमरीका का कहना है कि रूस के क्रूज़ मिसाइल विकसित करने से संधि की शर्तों का उल्लंघन हुआ है. हालांकि, रूस अमरीका के इस आरोप से लगातार इनकार करता रहा है. दोनों ही पक्ष सं​धि का पालन न करने को लेकर एक-दूसरे को लंबे समय से आरोपी ठहराते आए हैं.

यह संधि एक महत्वपूर्ण हथियार नियंत्रण समझौता है जिस पर अमरीका और सोवियत संघ ने 1987 में हस्ताक्षर किए थे.

दुनिया की महाशक्तियों ने संधि के तहत ज़मीन से मार करने वाली 500 से लेकर 5,500 किलोमीटर की रेंज वाली मध्यम दूरी की मिसाइलों और क्रूज़ मिसाइलों को नष्ट करने और प्रतिबंधित करने पर सहमति जताई थी. इसमें परमाणु और पारंपरिक दोनों तरह की मिसाइलें शामिल हैं.

1970 में सोवियत रूस ने पश्चिमी यूरोप में

सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को शिक्षा एवं रोजगार में 10 प्रतिशत आरक्षण देने से जुड़ा 124वां संविधान संशोधन विधेयक 9 जनवरी 2019 को राज्यसभा में भी पास हो गया। उच्च सदन में विपक्ष सहित लगभग सभी दलों ने इस विधेयक का समर्थन किया। बिल को लेकर राज्यसभा में हुई वोटिंग के दौरान इसके समर्थन में 165 और खिलाफ में केवल 7 वोट पड़े। इससे पहले बिल को सिलेक्ट कमिटी के पास भेजने के लिए कनिमोझी ने प्रस्ताव रखा था। हालांकि वोटिंग के दौरान इसके पक्ष में 18 और खिलाफ में 155 वोट पड़े। इसके साथ ही बिल को सिलेक्ट कमिटी में भेजने की मांग खारिज हो गई। 

आपको बता दें कि 124वें संविधान संशोधन विधेयक को लोकसभा ने एक  दिन पहले 8 जनवरी 2019 को ही बहुमत के साथ पारित कर दिया था। सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि इस विधेयक को राज्यों की मंजूरी लेने की कोई जरूरत नहीं है। ऐसे में इस विधेयक को मंजूरी के लिए अब सीधे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। कुछ विपक्षी दलों ने इस विधेयक को लोकसभा चुनाव से पहले लाए जाने को लेकर सरकार की मंशा तथा इस विधेयक की न्यायिक समीक्षा में टिक पाने को लेकर आशंका जताई। हालांकि सरकार ने दा

चीन ने चांद के अनदेखे हिस्से पर दुनिया का पहला अंतरिक्ष यान उतारने में सफलता हासिल की है. उसके अनदेखे हिस्से का अध्ययन करने के लिए पहली बार कोई मिशन लांच किया गया है. यह उपलब्धि अंतरिक्ष में सुपरपावर बनने की दिशा में चीन के बढ़ते कदम की गवाह है. चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन (सीएनएसए) ने घोषणा की कि यान चांग‘ई-4 ने चंद्रमा की दूसरी ओर की सतह को छुआ. चांद के इस हिस्से को डार्क साइड भी कहा जाता है.चांग‘ई-4 का प्रक्षेपण शिचांग के प्रक्षेपण केंद्र से 08 दिसंबर 2018 को लॉन्ग मार्च 3बी रॉकेट के जरिये किया गया था. चीन को 03 जनवरी को 2019 को सफलता हासिल हुई. ये यान अपने साथ एक रोवर भी लेकर गया है. लो फ्रीक्वेंसी रेडियो एस्ट्रोनॉमिकल ऑब्जर्वेशन की मदद से चांद के इस हिस्से के बारे में पता लगाएगा.

चंद्र अभियान चांग‘ई-4 का नाम चीनी पौराणिक कथाओं की चंद्रमा देवी के नाम पर रखा गया है.मिशन के तहत घाटियों का अध्ययन: इस मिशन के तहत वहां की भू-संरचनाओं व घाटियों का अध्ययन किया जाएगा. इसके अतिरिक्त चांद पर मौजूद खनिजों और उसकी सतह की संरचना का भी पता लगाया जाएगा. इस यान के साथ चार विशेष वैज्ञानिक

असम में आज नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन जारी कर दिया गया है. नये मसौदे में असम में बसे सभी भारतीय नागरिकों के नाम पते और फोटो हैं. कुल 3.29 करोड़ आवेदन में 2.89 करोड़ लोगों के नाम नेशनल रजिस्टर में शामिल किए जाने के योग्य पाए गए हैं. वहीं 40 लाख लोग वैध नागरिक नहीं पाए गए. हालांकि यह फाइनल लिस्ट नहीं है बल्कि ड्राफ्ट है. जिनका नाम इस ड्राफ्ट में शामिल नहीं है वो इसके लिए दावा कर सकते हैं.   

यह पहला मौका है जब राज्य में अवैध रूप से रहने वाले लोगों के बारे में जानकारी मिल सकेगी. देश में लागू नागरिकता कानून से थोड़े अलग रूप में राज्य में असम समझौता 1985 लागू है. इसके मुताबिक 24 मार्च 1971 की आधी रात तक सूबे में प्रवेश करने वाले लोगों को भारतीय नागरिक माना जाएगा.

असम में नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) के फाइनल ड्राफ्ट में 40 लाख लोगों के नाम शामिल न किए जाने पर सड़क से लेकर संसद तक संग्राम मचा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुआई में विपक्षी दल जहां सरकार पर हमलावर हैं, वहीं बीजेपी इसे एक बड़ा कदम बता रही है। मंगलवार को राज्यसभा में बीजेपी

भारतमाला नेशनल हाईवे डेवलपमेंट प्रोजेक्ट हैं। इसके तहत नए हाईवे के अलावा उन प्रोजेक्ट्स को भी पूरा किया जाएगा तो अब तक अधूरे हैं। इसमें बॉर्डर और इंटरनेशनल कनेक्टिविटी वाले डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स को शामिल किया गया है। पोर्ट्स और रोड, नेशनल कॉरिडोर्स को ज्यादा बेहतर बनाना और नेशनल कॉरिडोर्स को डेपलप करना भी इस प्रोजेक्ट में शामिल है। इसके अलावा बैकवर्ड एरिया, रिलीजियस और टूरिस्ट साइट्स को जोड़ने वालेनेशनल हाइवे बनाए जाएंगे।

भारतमाला परियोजना के तहत भारत सरकार ने 7 फेज में 34,800 किलोमीटर सड़कें बनाने का फैसला लिया है। इसके तहत नेशनल हाईवे, बॉर्डर्स, कोस्टल एरिया को जोड़ा जाएगा। ईस्टर्न और वेस्टर्न बॉर्डर्स पर 3,300 किमी रोड बनाई जाएंगी। लुधियाना-अजमेर और मुंबई-कोचीन के बीच नया नेशनल हाईवे बनाया जाएगा। लुधियाना-अजमेर के प्रपोज्ड हाईवे में दूरी 721 किमी तो हो जाएगी, लेकिन दोनों शहरों के बीच ट्रैवल टाइम घटकर 9 घंटे 15 मिनट हो जाएगा। मौजूदा 627 किमी लंबे हाईवे में अभी 10 घंटे लगते हैं। इसी तरह, प्रपोज्ड मुंबई-कोचीन हाईवे में दूरी 200 किमी बढ़ जाएगी, वक्त करीब 5 घंटे कम हो जाएगा।

रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी की संपत्ति में लगातार इजाफा हो रहा है। 38 अरब डॉलर (2.5 लाख करोड़ रुपये) की नेटवर्थ के साथ वो लगातार 10वें साल भारत के सबसे अमीर शख्स बनकर उभरे हैं। दिलचस्प बात यह है कि आर्थिक सुस्ती के दौर में भी टॉप 100 अमीर लोगों की नेटवर्थ (संपत्ति) में 26 फीसद का इजाफा हुआ है। अमीर लोगों का आंकलन करने वाली पत्रिका ने इंडिया रिच लिस्ट 2017 की सूची जारी की है।

इस सूची में मुकेश अंबानी टॉप पर बने हुए हैं। वहीं देश की तीसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर निर्माता कंपनी विप्रो के प्रमुख अजीम प्रेमजी ने दूसरा स्थान हासिल किया है। उनकी कुल नेटवर्थ 19 अरब डॉलर की है। अजीम प्रेमजी ने इस सूची में दो स्थानों की छलांग लगाई है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में अब सिर्फ 3000 से भी कम गांव ऐसे बचे हैं जहां बिजली नहीं पहुंची है. लेकिन, सरकार भी मानती है कि देश में चार करोड़ से ज्यादा ऐसे परिवार हैं जिनके पास घरों में बिजली का कनेक्शन नहीं है और वह अंधेरे में जीने को मजबूर हैं. 25.09.2017 को यह ऐलान किया कि अब वह इस स्थिति को बदलने जा रही है. सोमवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दीनदयाल उपाध्याय की जन्मशती के मौके पर सौभाग्य नाम की योजना की शुरुआत की, जिसका मकसद है हर घर तक बिजली का कनेक्शन पहुंचाना.

इस योजना का शुभारंभ करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह खुद मिट्टी तेल के दीए में पढ़ चुके हैं और इसलिए इस बात को अच्छी तरह समझते हैं कि जिन घरों में बिजली नहीं पहुंची है वहां जिंदगी कितनी मुश्किल होती है.

उन्होंने कहा कि सौभाग्य योजना से 2018 दिसंबर तक हर घर तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि देश में कोई भी घर अंधेरे में ना रहे. यानी 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार इसे एक अपनी बड़ी उपलब्धि के तौर पर पेश करना चाहेगी.

सौभाग्य योजना के लिए सरकार ने 16,320 करोड़ रुपये

देश में 40,000 रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर बहस तेज है। इस बीच देश में चकमा और हजोंग शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दे दी गई है। चकमा और हजोंग शरणार्थी भारत में बांग्लादेश के चटगांव के पहाड़ी क्षेत्रों से आए हैं। इन लोगों की जमीनें 1960 के दशक में वहां कर्णाफुली नदी पर बनी कापताई बांध परियोजना में चली गई थीं। इसके अलावा धार्मिक उत्पीड़न का भी इन्हें शिकार होना पड़ा है। चकमा बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं, जबकि हजोंग हिंदू हैं।

चकमा लोग बंगाली-असमिया भाषा से मिलती-जुलती भाषा बोलते हैं। हजोंग तिब्बती-बर्मी भाषा बोलते हैं, हालांकि इसे असमिया की तरह ही लिखा जाता है। 

फिलहाल भारत में लगभग 1 लाख चकमा और हजोंग शरणार्थी रह रहे हैं।- वर्ष 1964 में जब ये लोग भारत आए थे, तब करीब 15,000 चकमा थे और 2,000 हजोंग थे।2015 के आंकड़ों के मुताबिक शुरुआती दौर में भारत आए तमाम लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से सिर्फ 5,000 लोग कैंपों में हैं।

2010-11 में गृह मंत्रालय की ओर से किए गए सर्वे के मुताबिक अरुणाचल प्रदेश के तीन जिलों में इनकी आबादी 53,730 थी। 1987 में 45,000 अन्य चकमा लोगों ने बांग्लादेश

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने 09.09.2017 को देश की पहली ग्रीन फील्ड स्मार्ट सिटी का भूमि पूजन किया। लगभग 7000 करोड़ रुपये की यह परियोजना दो वर्षों में मूर्त रूप लेगी। उपराष्ट्रपति ने इसके साथ ही स्मार्ट सिटी परिसर में प्रस्तावित 690 करोड़ 71 लाख रुपये की लागत वाले अर्बन सिविक टावर, कंवेंशन सेंटर तथा झारखंड अर्बन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट (जुपमी) के बिल्डिंग निर्माण की आधारशिला भी रखी।

इस बीच उन्होंने जहां झारखंड अर्बन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन लिमिटेड (जुटकोल), रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी (रेरा) और स्मार्ट सिटी की वेबसाइट की लांचिंग की, वहीं स्मार्ट सिटी के मास्टर प्लान का विमोचन भी किया।

रांची स्थिति एचईसी के कोर कैपिटल एरिया में प्रस्तावित स्मार्ट सिटी के भूमि पूजन समारोह के दौरान उपराष्ट्रपति ने कहा कि स्मार्ट सिटी की स्मार्ट परिकल्पना को धरातल पर उतारने के लिए स्मार्ट लीडर की जरूरत है। ऐसा लीडर जिसमें क्षमता हो, दूरदर्शिता हो, स्पष्टवादिता हो, जनता के प्रति कमिटमेंट हो। हाई-फाई, कोट-टाई, सूट-बूट नहीं चलेगा।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि कि दुनिया आगे बढ़ रही है। फिर हम पीछे

ब्रिक्स सम्मेलन में भारत को बड़ी कूटनीतिक जीत मिली है। चीन चाहता था कि भारत इस मंच पर पाक के खिलाफ आतंकवाद का मुद्दा न उठाए, लेकिन ब्रिक्स देशों की ओर से जो घोषणापत्र का मजमून सामने आया है, उसमें आतंकवाद की कड़ी निंदा की गई है। और तो और, पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन की भी कड़ी निंदा की गई है। यह घोषणापत्र अहम है क्योंकि चीन कई बार जैश-ए-मोहम्मद चीफ मसूद अजहर पर यूएन द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने की दिशा में अड़ंगा लगा चुका है। भारत आतंकवाद के मुद्दे पर चीन को साथ जोड़ने में कामयाब हो गया है। 

शायमेन डिक्लेरेशन में लिखा है, 'हम ब्रिक्स देशों समेत पूरी दुनिया में हुए आतंकी हमलों की निंदा करते हैं। हम सभी तरह के आतंकवाद की निंदा करते हैं, चाहे वो कहीं भी घटित हुए हों और उसे किसी ने अंजाम दिया हो। इनके पक्ष में कोई तर्क नहीं दिया जा सकता। हम क्षेत्र में सुरक्षा के हालात और तालिबान, आईएसआईएस, अलकायदा और उसके सहयोगी, हक्कानी नेटवर्क, लश्कर-ए-तैयबा, जैश ए मोहम्मद, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और हिज्ब-उत-ताहिर द्वारा फैलाई हिंसा की निंदा करते हैं।' 

देश के पूर्व राष्ट्रपति और एक महान वैज्ञानिक के रूप में ख्याति प्राप्त डॉ. अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि (27.07.2017) पर उन्हें देशभर में याद किया गया एवं श्रद्धांजलि दी गई. पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की दूसरी पुण्यतिथि पर आज ओडिशा सरकार ने भद्रक जिले में बाहरी व्हीलर द्वीप का नाम एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप रखा है.

राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री महेश्वर मोहंती ने बताया कि राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग ने गृह मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाणपत्र मिलने के बाद कल गजट अधिसूचना जारी की. मोहंती ने गजट अधिसूचना की एक प्रति मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को सौंपी , जिन्होंने पूर्व में व्हीलर द्वीप का नाम कलाम के नाम पर करने की घोषणा की है.

पटनायक ने पूर्व राष्ट्रपति की दूसरी पुण्यतिथि के मौके पर आयोजित समारोह में उन्हें श्रद्धांजलि दीं. समारोह में उन्होंने भद्रक जिले में व्हीलर द्वीप और बालेश्वर जिले में चांदीपुर के अस्थायी प्रक्षेपण स्थल से कलाम के भावनात्मक जुड़ाव को याद किया.

श्रद्धांजलि देने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि कलाम ने देश की प्रतिरक्षा के लिए मिसाइल विकसित करने के अपने प्रयासों के तहत इन दो

यह योजना ग्रामीण विकास मंत्रालय ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन और दीनदयाल अंत्योदय योजना के तहत ‘आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना’ नामक एक नई योजना की शुरू कर रहा है। ग्रामीण विकास मंत्री श्री राम कृपाल यादव ने कहा कि आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना का मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन सेवाओं की सुविधा प्रदान करके DAY-NRLM के तहत पिछड़े ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूहों (SHGs) के सदस्यों को आजीविका का एक वैकल्पिक स्रोत प्रदान करना है।

इस योजना के तहत आर्थिक विकास के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सहित प्रमुख सेवाओं और सुविधाओं के साथ दूरदराज के गांवों को एक दुसरे से जुड़ने के लिए ई-रिक्शा, 3 और 4-व्हीलर मोटर परिवहन वाहनों जैसी एक सुरक्षित, सस्ती और समुदाय निगरानी सहित ग्रामीण परिवहन सेवाएं प्रदान की जाएंगी।

आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना का एक वैकल्पिक आजीविका बनाने के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं की आर्थिक मदद से महिलाओं की सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया गया है। मंत्रालय ने घोषणा की है कि 2017-18 से 2019-20 तक 3 वर्षों की निर्धारित समय अवधि के लिए

भारत, अमेरिका और जापान की नौसेना के बीच संयुक्त अभ्यास सोमवार को ख़त्म हो गया। इस अभ्यास का मक़सद तीनों देशों की सेनाओं के बीच सैन्य ऑपरेशन के दौरान बेहतर तालमेल बनाना है। इस दौरान समुद्र में तीनों देशों की सेनाओं की ताक़त और अत्याधुनिक तकनीक का प्रदर्शन किया गया।

अमेरिका, जापान और भारतीय नौसेना द्वारा 10 से 17 जुलाई के बीच बंगाल की खाड़ी में ऑपरेशन मालाबार नाम का नौसेना अभ्यास किया गया। इस नौसेना अभ्यास में तीनों देशों के विमान, नौसेना की परमाणु पनडुब्बियां और नौसैन्य पोत शामिल हुए। मालाबार सैन्य अभ्यास का लक्ष्य सामरिक रूप से प्रशांत क्षेत्र में तीनों नौसेनाओं के बीच गहरे सैन्य संबंध और तालमेल स्थापित करना है। भारत का आईएनएस विक्रमादित्य, जापान का जिमूआ और दुनिया का सबसे बड़ा एयरक्राफ्ट करियर माना जाने वाला अमेरिका का यूएसएस निमित्ज़ भी इसमें शामिल हुआ।

मालाबार अभ्यास की प्रक्रिया एक साल पहले शुरू हुई थी और शुरुआती योजना छह महीने पहले बनी थी। इस नौसैनिक अभ्यास में तीनों देशों के करीब 95 विमान, 16 जहाज और दो पनडुब्बियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान समुद्र तट पर और समुद्र में अभ्यास किया गया। इसम

अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने अमेरिका को पेरिस जलवायु समझौते से अलग कर लिया। व्‍हाइट हाउस के रोज गार्डन से प्रसारित अपने कॉन्‍फ्रेंस में उन्‍होंने इसकी घोषणा की। सन 2015 में पेरिस समझौते में 195 देशों ने सहमति जताई थी। इसके तहत जीवाश्म ईंधन के जलने से कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य गैसों के उत्सर्जन को घटाना लक्ष्य है। समझौते के तहत अमेरिका ने 2025 तक 2005 के स्तर से अपने उत्सर्जन को 26 से 28 प्रतिशत कम करने का वादा किया था।

पेरिस जलवायु समझौते से अलग होने के बाद अमेरिका सीरिया और निकारागुआ के साथ आ गया जिन्होंने इस समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए थे। ट्रंप ने अपने चुनावी अभियान के दौरान इस समझौते को अमेरिकी अर्थव्यवस्था को कमजोर करने की कोशिश बताया था। 

अमेरिका द्वारा पेरिस समझौते से बाहर निकलने के फैसले पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री हर्ष वर्धन ने कहा है कि भारत सरकार देश की भावी पीढ़ी को एक स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त वातावरण देने के लिए प्रतिबद्ध है और वह इसे लेकर अपने प्रयासों को जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि अमेरिका जलवायु परिवर्तन को लेकर क्या फैसला लेता है, यह उसकी अ

साइबर सुरक्षा वैश्विक सूचकांक (GCI) में भारत को 165 देशों में से 23 वां स्थान प्रदान किया गया. दूसरा ग्लोबल साइबर सिक्युरिटी इंडेक्स (जीसीआई) संयुक्त राष्ट्र के दूरसंचार एजेंसी इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन (आईटीयू) द्वारा जारी किया गया.

भारत, 0.683 के अंक के साथ इंडेक्स पर 23 वें स्थान पर है और परिपक्व श्रेणी में सूचीबद्ध किया गया है. सिंगापुर,  0.925 अंक के साथ सूचकांक में शीर्ष पर स्थित है.

साइबर सुरक्षा के शीर्ष 5 में स्थित देश है -1. सिंगापुर, 2. यूनाइटेड स्टेट्स, 3. मलेशिया, 4. ओमान, 5. एस्टोनिया

पीएम मोदी ने असम में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की आधारशिला रखते हुए देश के लिए एक नई नीति की घोषणा की। मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के 3 साल पूरे होने पर पीएम ने संपदा योजना (स्कीम फॉर एग्रो मरीन प्रोसेसिंग ऐंड डिवेलपमेंट ऑफ एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर्स) को देश को समर्पित किया। सरकार ने समुद्री एवं विभिन्न कृषि उत्पादों के प्रोसेसिंग को गति देने के लिए लगभग 6000 करोड़ रुपए की एक नई फूड प्रोसेसिंग योजना संपदा (SAMPADA) को अपनी मंजूरी दे दी है जिसे 2016 से 2020 की अवधि में पूरी तरह लागू किया जाना है। 

इस योजना के तहत मिनिस्‍ट्री ऑफ फूड प्रोसेसिंग इंडस्‍ट्रीज के अंतर्गत एग्रो मैराइन प्रोसेसिंग एंड डवलेपमेंट ऑफ एग्रो क्‍लस्‍टर्स की योजनाओं को साल 2019-20 तक पूरा किया जाना है। मेगा एग्रो प्रोसेसिंग योजनाओं को मंजूरी मिलने के बाद इनमें लगभग 31400 करोड़ रुपए का निवेश होने की पूरी संभावना है। सरकार को यह उम्‍मीद है कि इससे करीब 334 लाख टन खाद्य पदार्थों को खराब होने से पूरी तरह बचाया जा सकेगा और इसके एवज में लगभग 1.04 लाख करोड़ रुपए की अतिरिक्‍त बचत ह

अगर चीन ने गीदड़भभकी के जरिये अपनी विस्तारवादी नीति को जायज ठहरने की कोशिश करेगा तो यह चीन को महंगा भी पड़ सकता है. २१वी सदी के भारत या अन्य किसी देश को कम करके आंकना चीनी खिलौनों की तरह उसका सपना बिखर जायेगा. 

सिक्किम सेक्टर में भारतीय और चीनी सेना के बीच महीने भर से जारी गतिरोध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। दोनों देशों के बीच तनाव लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इससे पहले चीन के सरकारी मीडिया और थिंक टैंक ने कहा था कि इस विवाद से अगर उचित तरीके से नहीं निपटा गया तो इससे 'युद्ध' छिड़ सकता है। राजनयिक ने कहा कि चीन सरकार इस बात को लेकर बहुत स्पष्ट है कि वह स्थिति का शांतिपूर्ण समाधान चाहती है और इसके लिए इलाके से भारतीय सैनिकों की वापसी 'पूर्व शर्त' है।

भारत चीन के बीच सीमा पर लगातार तनाव बरकरार है। इस बीच चीन की नौसेना के कई पोतों और पनडुब्बियों का हिन्दमहासागर में दखल देखा गया है। चीन की नापाक की हरकतों पर भारतीय नौसेना बारीकी से नजर बनाए हुए है और इसके लिए जीसैट-7 का इस्तेमाल कर रही है, जिसे भारत ने 29 सितंबर 2013 को लॉन्च किया था। 

हिंदमहासागर में चीन के बढ़ते हुए

अगर आप स्कूल में बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं लेकिन किसी और पेशे से जुड़े हैं, तो भी आप बच्चों को पढ़ा सकेंगे। मोदी सरकार आपको पढ़ाने के अपने सपने को पूरा करने का मौका देने जा रही है। ऐसे लोगों के लिए जो शिक्षक नहीं है लेकिन बच्चों को पढ़ाने की हसरत रखते हैं, मोदी सरकार 16 जून से विद्यांजलि योजना शुरू करने जा रही है। इसके तहत स्कूलों में पढ़ाने के लिए शिक्षक होने की बाध्यता खत्म होगी। इस योजना का मकसद आम जन को सरकारी स्कूलों से जोड़कर उनका विकास करना है।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से विद्यांजलि योजना की शुरुआत 16 जून से हो गयी। पहले चरण में देश के 210 राज्यों के सरकारी स्कूलों में योजना लागू होगी। बीते आठ फरवरी को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी की राज्यों के अफसरों के साथ बैठक में इस योजना के संचालन पर सहमति बनी।

खास बात है कि हुनरमंद महिलाओं के साथ कोई भी पढ़ा-लिखा व्यक्ति या एनआरआई स्कूलों में पढ़ा सकता है। रिटायर्ड शिक्षक, सरकारी कर्मी और सेना के जवान भी पे स्केल पर पढ़ा सकते हैं।

विद्यांजलि योजना के तहत कोई भी पढ़ा लिखा व्यक्ति किसी भी सरकार

पूर्ण गरीबी गंभीर अभाव, भूख, समयपूर्व मृत्यु और पीड़ा के मामले के रूप में देखी गई है। यह गरीबी की एक महत्वपूर्ण समझ का कब्जा करता है और इसकी प्रासंगिकता आज दुनिया के कुछ हिस्सों में फैली हुई है। यह कार्रवाई की जरूरी आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित करती है हालांकि, कुछ परिस्थितियां हैं, जैसे कि भुखमरी या असुरक्षित पानी, जो तत्काल मृत्यु की ओर ले जाते हैं, इनमें से अधिकांश मानदंडों को निर्णय और तुलना की आवश्यकता होती है। 

जैसे, 1995 में संयुक्त राष्ट्र ने गरीबी की दो परिभाषाओं को अपनाया

संपूर्ण गरीबी को परिभाषित किया गया था:

"भोजन, सुरक्षित पेयजल, स्वच्छता सुविधाओं, स्वास्थ्य, आश्रय, शिक्षा और सूचना सहित बुनियादी मानवीय जरूरतों के गंभीर अभाव के कारण एक ऐसी स्थिति होती है, जो केवल आय पर ही नहीं बल्कि सेवाओं तक पहुंच पर निर्भर करती है।"

"कुल गरीबी विभिन्न रूपों में शामिल है, जिनमें शामिल हैं: आय और उत्पादक संसाधनों की कमी, स्थायी जीवनसाध्य, भूख और कुपोषण, बीमार स्वास्थ्य, सीमित और शिक्षा और अन्य बुनियादी सेवाओं तक पहुंच की कमी, बीमारी से रोग और मृत्यु दर में वृद्धि, बेघर और अपर्

पुणे की परसिस्टेंट सिस्टम्स ने भर्तियों की पुरानी प्रथा को तोड़ते हुए अपनी टीम में कुछ फ्रीलांसरों और कंसल्टंट्स को शामिल कर लिया जिन्होंने कम वक्त के एक प्रॉजेक्ट पर काम किया। जॉब की दुनिया में यह थोड़ा नया आइडिया है जो ग्लोबल टेक्नॉलजी सर्विस इंडस्ट्री में धीरे-धीरे जोर पकड़ता जा रहा है। इसे 'गिग इकॉनमी' या वर्कफोर्स का ऊबराइजेशन (ऐप बेस्ड कैब मुहैया करानेवाली कंपनी ऊबर की तरह इस्तेमाल किया जाना) कहा जा रहा है, जहां लोग डिमांड-सप्लाइ मॉडल पर काम करते हैं। इसमें डिमांड और इंट्रेस्ट एरियाज के लिहाज से विभिन्न प्रॉजेक्ट्स के लिए एक से दूसरी कंपनी का भ्रमण करते रहते हैं। 

परसिस्टेंट सिस्टम्स के चीफ पीपल ऑफिसर समीर बेंद्रे ने कहा, 'हालांकि यह (ऊबराइजेशन) सर्विसेज कंपनियों में बड़े पैमाने पर अब तक नहीं दिखा है, लेकिन इसकी शुरुआत हो चुकी है।' उन्होंने कहा, 'कुछ पॉकेट्स में हम इसका प्रयोग कर रहे हैं... हमें लगता है कि कुछ क्षेत्रों में इसके इस्तेमाल के अच्छे अवसर हैं। मसलन, अगर महिलाएं मातृत्व अवकाश के बाद कम पर लौट रही हों तो।'

इन्फोसिस और विप्रो समेत दूसरी भारतीय आईटी कंपनियां 'ऊबराइज्ड वर

दुनिया में कई ऐसे इलाके हैं जहां नये देश बनाने की मांग उठ रही है. आइए नजर डालते हैं दुनिया के सबसे नये नवेले देशों पर :

दक्षिणी सूडान

दक्षिणी सूडान दुनिया का सबसे नया देश है, जिसने 9 जुलाई 2011 को सूडान से आजादी का एलान किया. लेकिन आजादी के बाद से इस देश का सफर अच्छा नहीं रहा. तेल के संसाधनों से मालामाल साउथ सूडान गरीबी और सूखे का शिकार है. इसके अलावा राजनीतिक अस्थिरता और गृह युद्ध ने भी इस देश को उबरने नहीं दिया है.

कोसोवो

कोसोवो ने एकतरफा तौर पर 17 फरवरी 2008 को सर्बिया से आजादी की घोषणा की. सर्बिया के साथ साथ रूस ने भी इस कदम का विरोध किया. कोसोवो को अमेरिका और यूरोपीय संघ के बड़े देशों ने मान्यता दे दी है लेकिन अभी तक वह संयुक्त राष्ट्र का सदस्य नहीं है.

मोंटेनेग्रो और सर्बिया

1991 में यूगोस्लाविया के विघटन के बाद सर्बिया और मोंटेनेग्रो के नाम से एक देश की स्थापना हुई. लेकिन 2006 में उसका बंटवारा हो गया. मोंटेनेग्रो और सर्बिया दो अलग अलग देश बन गए. अलग होने की शुरुआत मोंटेनेग्रो ने की और 21 मई 2006 को एक

सॉयल हेल्थ कार्ड स्कीम किसानों के लिए शुरू की गयी एक क्रांतिकारी योजना है जिससे किसानों की खेती और उपज पर काफी फर्क पड़ रहा है। इससे फसल की  उत्पादकता में वृद्धि हो रही है और खेती की लागत कम हो रही है। इस स्कीम का शुभारंभ माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 19 फरवरी 2015 को सूरतगढ़, राजस्थान में किया गया था। सॉयल हेल्थ कार्ड मिट्टी के पोषक तत्वों की स्थिति एवं और मिट्टी की उर्वरकता में सुधार के लिए प्रयुक्त किए जाने वाले पोषक तत्वों की उचित मात्रा की सिफारिश की जानकारी किसानों को प्रदान करता है। इससे किसानों को खेत की मिट्टी की प्रकृति की जानकारी भी मिलती  है।

इसके बाद किसान उसी अनुसार खेत में उर्वरक और अन्य रसायन डालता है। इससे लागत में कमी आती है और उत्पादन में वृद्धि होती है।  सॉयल हेल्थ कार्ड स्कीम के पहले 2 वर्षीय चक्र (2015-17) में अभी तक 2.53 करोड़ लक्षित नमून एकत्र किए जा चुके  हैं एवं 93% नमूने परीक्षित किए जा चुके हैं। राज्य सरकारों द्वारा लगभग 14 करोड़ सॉयल हेल्थ कार्ड बनाए जा रहे हैं जिसमें 31 मई तक 8 करोड़ किसानों को कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। अगले तीन

चेनानी-नाशरी सुरंग जिसे पत्नीटॉप सुरंग के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर के राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 44 (राष्ट्रीय राजमार्गों की संख्या पुनः निर्धारण से पूर्व नाम राष्ट्रीय राजमार्ग 1ए ) पर स्थित एक सड़क सुरंग है। इसका कार्य वर्ष 2011 में आरम्भ हुआ तथा उद्धघाटन 2 अप्रैल 2017 को किया गया।

यह भारत की सबसे लंबी सड़क सुरंग है जिसकी लंबाई 9.28 कि.मी. (5.8 मील) है। सुरंग बनाने पर मूल अनुमानित लागत ₹ 2,520 करोड़ (यूएस $ 367.92 मिलियन) थी लेकिन परिवर्धित करने में कुल ₹ 3,720 करोड़ (यूएस $ 543.12 मिलियन) खर्च हुये। मुख्य सुरंग का व्यास 13 मीटर है, जबकि समानांतर निकासी सुरंग का व्यास 6 मीटर है। मुख्य और निकासी सुरंगों में 29 स्थानों पर पार मार्ग बनाये गये हैं जो हर 300 मीटर की दूरी पर स्थिति हैं। यह देश की पहली पूर्ण रूप से एकीकृत सुरंग प्रणाली वाली सुरंग है।

सुरंग की सहायता से जम्मू और श्रीनगर के मध्य दूरी 30.11 कि.मी. (18.7 मील) रह गयी और यात्रा समय में दो घण्टे की कटौती हो गयी। पत्नीटॉप पर सर्दियों में बर्फबारी और हिमस्खलन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर बाधा उत्पन्न होती थ

आजादी के करीब 70 साल बाद भारत की पहली मेड इन इंडिया ट्रेन 18.03.2017 से चलनी शुरू. रेलमंत्री सुरेश प्रभु मुंबई में ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे. भारत की स्वदेशी ट्रेन का नाम 'मेधा' रखा गया है. अपनी पहली यात्रा में मेधा ट्रेन ने मुंबई के चर्चगेट से लोकमान्य तिलक टर्मिनस (एलटीटी) तक की यात्रा की.

इससे पहले 'मेधा' ट्रेन का कई चरण में सफल ट्रायल किया जा चुका है. इस ट्रेन को कमिश्नर ऑफ रेल सेफ्टी (सीआरएस) की स्वीकृति मिल चुकी है. 

भारत की स्वदेशी ट्रेन में कई ऐसी खूबियां हैं जो उसे दुनिया के कई ट्रेनों से उसे अगल बनाती है. इस ट्रेन में एक साथ 6,050 यात्री यात्रा कर सकते हैं. इसमें 1,168 सीटे हैं. इस ट्रेन की स्पीड 110 किमी प्रति घंटा है.

इस ट्रेन में फ्रेश एयर कूलिंग क्षमता 16,000 प्रति घंटा मीटर क्यूबिक है. रिजेनरेटड ब्रेकिंग सिस्टम युक्त यह रेक 30 से 35 प्रतिशत बिजली परिचालन के दौरान बचा सकती है. रेलवे अधिकारी के मुताबिक मेड-इन-इंडिया ट्रेन 'मेधा' को बनाने में लगभग 43.23 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं. जबकि विदेश से खरीदी जाने वाली बॉम्बार्डियर ट्रेन की कीमत 44.36 करोड़ रुपए है.

मे

संसद के बजट सत्र के दूसरा चरण चल रहा है. 14.03.2017 को लोकसभा में गृहमंत्री राजनाथ सिंह शत्रु संपत्ति संशोधन बिल को पेश करेंगे. इसको लेकर बीजेपी ने अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी कर सदन में मौजूद रहने को कहा है.

राज्यसभा करीब 50 साल पुराने शत्रु संपत्ति कानून में संशोधन संबंधित बिल को पास कर चुका है. इस बिल में युद्ध के बाद पाकिस्तान और चीन पलायन कर गए लोगों की तरफ से छोड़ी गई संपत्ति पर उत्तराधिकार के दावों को रोकने के प्रावधान किए गए हैं. विभाजन या युद्ध के बाद गए लोगों की छूटी प्रॉपर्टी के दावों से निपटने के प्रावधान हैं. इसके मुताबिक पलायन करके वहां की नागरिकता लेने वाले लोगों की संपत्ति जब्त कर ली जाएगी.

भारत में रह रहे उत्तराधिकारियों का भी उनकी छूटी संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं रहेगा. संशोधनों से ज्यादातर मुस्लिम समुदाय के लोगों के प्रभावित होने से ये मामला विवाद में भी है. संसद से पारित होने के बाद यह बिल इस संबंध में सरकार की तरफ से जारी किए गए ऑर्डिनेंस का स्थान लेगा.

48 साल पुराने इस एनिमी प्रॉपर्टी एक्ट बिल को को राज्यसभा से पास कर दिया गया. हालांकि राज्यसभा में विपक्

राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 भारत सरकार द्वारा अधिसूचित एक कानून है जिसके माध्यम से भारत सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश में जनसाधारण को खाद्यान्न उपलब्ध हो सके।

भारतीय संसद द्वारा पारित होने के उपरांत सरकार द्वारा 10 सितम्‍बर, 2013 को इसे अधिसूचित कर दिया गया।

राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का उद्देश्‍य लोगों को सस्‍ती दर पर पर्याप्‍त मात्रा में उत्‍तम खाद्यान्‍न उपलब्ध कराना है ताकि उन्हें खाद्य एवं पोषण सुरक्षा मिले और वे सम्‍मान के साथ जीवन जी सकें।

मुख्य प्रावधान

इस कानून के तहत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस) के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में 75 प्रतिशत तक तथा शहरी क्षेत्रों की 50 प्रतिशत तक की आबादी को रियायती दरों पर खाद्यान्‍न उपलब्ध कराने का प्रावधान है। इस प्रकार देश की लगभग दो-तिहाई जनसंख्‍या को इसका लाभ मिलने का अनुमान है। पात्र परिवारों को प्रतिमाह पांच कि. ग्रा. चावल, गेहूं व मोटा अनाज क्रमशः 3, 2 व 1 रुपये प्रति कि. ग्रा. की रियायती दर पर मिल सकेगा। अंत्योदय अन्न यो

नेशनल स्किल्स क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) अर्थात् राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क ज्ञान, कौशल और अभिरुचि के अनेक स्तरों के अनुसार योग्यताएं निर्धारित करता है. इन स्तरों को सीखने के परिणामों के संदर्भ में परिभाषित किया जाता है, जो प्रशिक्षार्थी को अवश्य हासिल करने होते हैं, भले ही ये कौशल उसने औपचारिक या अनौपचारिक प्रशिक्षण के जरिए हासिल न किए हों. इस अर्थ में एनएसक्यूएफ एक गुणवत्ता आश्वासन फ्रेमवर्क है. अत: यह एक राष्ट्रीय एकीकृत शिक्षा और योग्यता आधारित कौशल फ्रेमवर्क है, जो व्यावसायिक शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण, सामान्य शिक्षा और तकनीकी शिक्षा के रूप में समानांतर और शीर्षवत दोनों ही दिशाओं में अधिसंख्य मार्ग प्रदान करेगा. इस तरह यह फ्रेमवर्क सीखने के एक स्तर को अन्य उच्चतर स्तर के साथ भी जोड़ेगा. इससे कोई व्यक्ति वांछित सक्षमता स्तर हासिल कर सकेगा, व्यवसाय बाजार में प्रवेश कर सकेगा और अवसर पाकर अपनी सक्षमताओं को उन्नत बनाने के लिए अतिरिक्त कौशल हासिल कर सकेगा.

एनएसक्यूएफ के मुख्य तत्व इस प्रकार हैं:-

क)विभिन्न स्तरों पर कौशल प्रवीणता और सक्षमत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण आवास योजना ‘ग्रामीण’ के क्रियान्वयन को अनुमति प्रदान कर दी है। इस योजना के तहत सभी बेघर और जीर्ण-शीर्ण घरों में रहने वाले लोगों को पक्का मकान बनाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इस परियोजना के क्रियान्वयन हेतु 2016-17 से 2018-19 तक तीन वर्षों में 81975 रुपये खर्च होंगे।

यह प्रस्तावित किया गया है कि परियोजना के अंतर्गत वर्ष 2016-17 से 2018-19 के कालखंड में एक करोड़ घरों को पक्का बनाने के लिए मदद प्रदान की जाएगी। दिल्ली और चंडीगढ़ को छोड़ कर यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में पूरे भारत में क्रियान्वित की जाएगी। मकानों की क़ीमत केंद्र और राज्यों के बीच बांटी जाएगी।

क) प्रधानमंत्री आवास योजना की ग्रामीण आवास योजना- ग्रामीण का क्रियान्वयन। 

ख) ग्रामीण क्षेत्रों में एक करोड़ आवासों के निर्माण के लिए 2016-17 से 2018-19 तक तीन वर्षों में मदद प्रदान की जाएगी। 

ग) समतल क्षेत्रों में प्रति एकक 1,20,000 तक एवं पहाड़ी क्षेत्रों में 1,30,000 तक सहायता में

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ को मंजूरी दी जो किसानों के कल्याण के लिए लीक से हटकर एक अहम योजना है। किसान हितैषी सरकार का नया तोहफा:- 

(1). लोहिड़ी, पोंगल एवं बीहू जैसे त्यौहारों के शुभ अवसर पर किसान हितैषी सरकार ने किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के रूप में एक बड़ा तोहफा दिया। यह योजना खरीफ 2016 से लागू  है।

(2). किसानों के लिए बीमा योजनाएं समय-समय पर बनती रहीं हैं, किंतु इसके बावजूद अब तक कुल कवरेज 23 प्रतिशत हो सका है। 

(3). सभी योजनाओं की समीक्षा कर अच्छे फीचर शामिल कर किसान हित में और नए फीचर्स जोड़कर फसल बीमा योजना बनाई गई है। इस प्रकार यह योजना पुरानी किसी भी योजना से किसान हित में बेहतर है। (4). प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत फसल के अनुसार किसान द्वारा देय प्रीमियम राशि बहुत कम कर दी गई है जो निम्नानुसार हैः-

क्र. सं.             फसल किसान द्वारा देय अधिकतम बीमा प्रभार             &nbs

अंतरराष्ट्रीय बौद्धिक संपदा सूचकांक में भारत लगातार पिछड़ता दिखाई दे रहा है। अमेरिकी चैंबर ऑफ कॉमर्स के वैश्विक बौद्धिक संपदा केंद्र जीआईपीसी की बौद्धिक संपदा वातावरण पर तैयार 45 देशों की सूची में भारत को 43वें स्थान पर रखा गया है। जीआईपीसी ने इस बात का भी जिक्र किया है कि सरकार को उल्लेखनीय विधायी सुधारों के जरिए अपनी आईपीआर नीति को सकारात्मक रख देना चाहिए। नवोन्मेषकों को इसकी जरूरत है। यह लगातार पांचवां साल है जबकि भारत इस सूची में निचले पायदान पर रहा है। हालांकि, 2017 की सूची इस लिहाज से कुछ सुधार दिखाती है कि पिछले चार साल के दौरान भारत आखिरी से एक पायदान ही उपर रहा था।

जीआईपीसी के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी डेविड हिरश्मैन ने कहा कि भारत में नवप्रवर्तन को लेकर पुरानी चुनौतियां कायम हैं। हालांकि इसने इस दिशा में थोड़ी प्रगति की है, लेकिन सरकार को विधायी सुधारों के जरिए आईपीआर नीति को सकारात्मक रख देना चाहिए।

प्रधानमंत्री स्वदेश दर्शन व प्रसाद योजना श्री नरेन्द्र मोदी सरकार की पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक बहुत ही विशेष पहल है, इसके अनुसार देश में जो पर्यटन स्थल है वहा की सार्वजानिक सुविधाओ एवं पर्यटन एवं पर्यटन से जुड़े पहलुओ पर ध्यान दिया जायेगा। इससे धार्मिक और पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण स्थलों को विश्व स्तरीय सुविधाओं से युक्त बनाया जाएगा।

इन केंद्रों को बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से युक्त करने के साथ ही बेहतर पार्किंग, रहने के लिए अतिथिगृहों के निर्माण की योजना बनाई गई है।इसके तहत पर्यटन विभाग से जुडी सभी मूलभूत आवश्यकताओ की पूर्ती पर ध्यान दिया जायेगा ।

बुनियादी ढांचा के विस्‍तार, सड़क एवं परिवहन सुविधाओं, रेलवे, नागरिक उड्डयन और कौशल विकास प्रशिक्षण के जरिए उनके मंत्रालय देश में पर्यटन को बढ़ावा देने में कैसे मदद कर सकते हैं।

वाराणसी जैसे बौद्ध सर्किट के महत्‍वपूर्ण स्‍थलों को हेलिकॉप्‍टर सेवाओं से जोड़ना, महत्‍वपूर्ण पर्यटक स्‍थलों की रेलगाड़ियों में पर्यटकों के लिए विशेष डिब्‍बे, रोजगार बढ़ाने के लिए स्‍थानीय लोगों विशेष रूप से महिल

रायसीना डायलॉग 2017 के एक सत्र को संबोधित करते हुए विदेश सचिव जयशंकर ने जिस अंदाज में चीन व भारत के रिश्तों को परिभाषित किया है वह भारतीय कूटनीति के लिए नया है। जयशंकर ने कहा कि, ''भारत की प्रगति चीन के उदय के लिए कोई खतरा नहीं है लेकिन चीन को भारत की भौगोलिक संप्रभुता का सम्मान करना होगा।''

इसी सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी ने एक दिन पहले चीन को यह संकेत दिया था कि दूसरे देशों को जोड़ने की उसकी कोशिश में अन्य देशों की संवेदनाओं का सम्मान करना चाहिए। आज मोदी के बात को जयशंकर ने और स्पष्ट कर दिया। उन्होंने सीधे तौर पर कश्मीर होते हुए पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को जोड़ने वाली चीन की सड़क परियोजना सीपीईसी का जिक्र करते हुए कहा कि, ''चीन एक ऐसा देश है जो अपनी संप्रभुता को लेकर काफी संवेदनशील रहता है। ऐसे में उम्मीद की जाना चाहिए कि वे दूसरे देशों की संवेदनाओं का भी ख्याल रखेंगे। यह परियोजना भारत के एक संवदेनशील हिस्से से गुजरती है।''

हालांकि विदेश सचिव ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत की संवेदनशीलता को लेकर चीन की तरफ से अभी तक कोई सकारात्मक रूख नहीं दिखाया गया है। भार

भारत की प्रति व्यक्ति आय 2016-17 में एक लाख रुपए को पार कर जाएगी। ऐसा पहली बार होगा। शुक्रवार को जारी केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) के आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष प्रति व्यक्ति आय 1,03,007 रुपए रहने का अनुमान है। यह 2015-16 के 93,292 रुपए से 10.4% अधिक होगी। पिछले साल इसमें 7.4% वृद्धि हुई थी। 

सीएसओ ने जीडीपी के आंकड़े जारी करते वक्त कहा कि इसमें नोटबंदी के असर को शामिल नहीं किया गया है। प्रति व्यक्ति आय में इसे शामिल किया गया है या नहीं, यह साफ नहीं है। एक और गौर करने वाली बात यह है कि ये आंकड़े मौजूदा मूल्यों पर आधारित हैं। तुलना के लिए स्थिर मूल्यों पर आधारित आंकड़े अधिक वास्तविक होते हैं। इस हिसाब से देखें तो प्रति व्यक्ति आय 77,435 रु. से बढ़कर 81,805 रु. होने का अनुमान है। यानी इसमें 5.6% वृद्धि होगी। पिछले साल इसमें 6.2% वृद्धि हुई थी।

सीएसओ ने जीडीपी के भी आंकड़े जारी किए। 2011-12 के स्थिर मूल्यों के आधार पर इसके 7.6% से घटकर 7.1% रहने का अंदेशा व्यक्त किया गया है। लेकिन मौजूदा मूल्यों के आधार पर जीडीपी 135.76 लाख करोड़ से बढ़कर 151.93 लाख करोड़ रु. हो जाएगी। यानी यह 11.9% बढ़ जाएगी।&n